जापान: टोक्यो में भी कांवड़ यात्रा, शिवभक्तों ने निकाली 82 किलोमीटर लंबी तीर्थयात्रा
जापान की राजधानी टोक्यो में सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया है। इस यात्रा का आयोजन बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ जापान द्वारा किया गया है। पिछले साल भी यहां कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया था, जिसमें सौकड़ों शिवभक्त शामिल हुए थे। इस बार 82 किलोमीटर की इस तीर्थयात्रा में भारत, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल से श्रद्धालुओं ने भाग लिया है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने किया यात्रा का उद्घाटन
कांवड़ यात्रा की शुरूआत टोक्यो के फुनाबारी के श्री राधा कृष्ण मंदिर से पूरे विधि विधान से साथ हुई और करीब 82 किलोमीटर की दूरी तय करके सीतामा के शिव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करके समाप्त हुई। यात्रा के दौरान कांवड़िये कुछ दूरी वाहन से चले तो कुछ दूरी पैदल यात्रा करके तय की। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने किया, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
भारत से मंगवाया गया था गंगाजल
बिहार फाउंडेशन के आधिकारिक ट्विटर पोस्ट के मुताबिक, इस यात्रा के लिए खासतौर पर गंगाजल बिहार के सुल्तानगंज से मंगवाया गया था। वहीं जलाभिषेक और हवन के बाद सीतामा शिव मंदिर में सभी भक्तों को प्रसाद परोसा गया, जिसमें लगभग 500 भक्तों के भाग लिया था। इस यात्रा से जापान के बिहार-झारखंड एसोसिएशन का लक्ष्य जापान में रहने वाले बिहार और झारखंड समुदाय के सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक कल्याण को बढ़ावा देना था।
स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार तय किया गया था यात्रा का रूट
इस यात्रा के लिए समय की पाबंदी और रूट स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार तय किया गया था। जापान के अन्य प्रमुख हिंदू संगठनों के साथ-साथ बिहार-झारखंड एसोसिएशन भी इस प्रयास में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा था। इस पर एसोसिएशन के सचिव विकास रंजन ने कहा कि यात्रा के दौरान सुरक्षा और इसके सुचारू संचालन में जापानी अधिकारियों ने भी उनकी मदद की है।
बिहार के राज्यपाल और मुख्य सचिव ने की आयोजकों की सराहना
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर और बिहार के पूर्व मुख्य सचिव और बिहार के मुख्यमंत्री के वर्तमान सलाहकार अंजनी कुमार सिंह ने जापान में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बिहार फाउंडेशन जापान चैप्टर के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने जापान जैसे कम बिहारी आबादी वाली जगह में भारतीय परंपराओं को जीवित रखते हुए बिहार के लोगों को यह सेवा प्रदान करने के लिए एसोसिएशन की खूब सराहना की।