
कला का बेहतरीन रूप है सत्रीया नृत्य, जानिए इसे करने से मिलने वाले फायदे
क्या है खबर?
सत्रीया नृत्य असम का एक पारंपरिक नृत्य है, जिसे भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए किया जाता है।
यह नृत्य कला न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह कई सेहत के फायदे भी देती है।
सत्रीया नृत्य के दौरान शरीर की मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जिससे शरीर में लचीलापन और ताकत आती है।
आइए जानते हैं कि सत्रीया नृत्य को रोजाना करने से क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।
#1
मानसिक स्वास्थ्य में आ सकता है सुधार
सत्रीया नृत्य के दौरान संगीत और ताल का मेल होता है, जो मन को शांत करता है। इससे तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है।
नियमित रूप से सत्रीया नृत्य करने से आप अधिक खुश और संतुलित महसूस करते हैं। यह नृत्य कला आपके मनोबल को बढ़ाती है और आपको सकारात्मक ऊर्जा देती है।
इसके अलावा यह नृत्य कला आपकी भावनाओं को व्यक्त करने का एक बेहतरीन तरीका भी है।
#2
बढ़ता है आत्मविश्वास
सत्रीया नृत्य करते समय आपको अपने शरीर की मुद्रा और अभिव्यक्ति पर ध्यान देना पड़ता है, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस दौरान आप अपने आप पर गर्व महसूस करते हैं। नियमित रूप से सत्रीया नृत्य करने से आप अधिक आत्मविश्वासी बनते हैं और समाज में बेहतर तरीके से अपनी बात रख पाते हैं।
यह नृत्य कला आपके व्यक्तित्व को निखारती है और आपको आत्मसंतुष्टि का अनुभव कराती है।
#3
बढ़ता है सामाजिक जुड़ाव
सत्रीया नृत्य समूह में किया जाता है, जिससे लोगों के बीच संबंध मजबूत होते हैं। इस दौरान आप नए दोस्तों से मिलते हैं और पुराने दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। इससे सामाजिक जुड़ाव बढ़ता है और आपके जीवन में खुशियों का संचार होता है।
नियमित रूप से सत्रीया नृत्य करने से आप अधिक सामाजिक और सहयोगी बनते हैं, जिससे आपकी सामाजिक जीवन में सुधार होता है और आप अधिक संतुलित महसूस करते हैं।
#4
शारीरिक संतुलन में होती है सुधार
सत्रीया नृत्य करते समय शरीर का संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। इससे आपकी शारीरिक संतुलन क्षमता सुधरती है और गिरने की संभावना कम होती है।
नियमित रूप से सत्रीया नृत्य करने से आपका शरीर अधिक स्थिर और संतुलित रहता है।
इसके अलावा यह नृत्य कला आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जिससे आप अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और आपके शरीर में लचीलापन और ताकत भी बढ़ती है।
#5
बढ़ता है सांस्कृतिक ज्ञान
सत्रीया नृत्य असम की संस्कृति से जुड़ा हुआ है, जिससे आपको वहां की परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में अधिक जानकारी मिलती है। इससे आपका सांस्कृतिक ज्ञान बढ़ता है और आप अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं।
इस प्रकार हम देख सकते हैं कि कैसे एक साधारण सा दिखने वाला कला रूप हमारे जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इसलिए अगली बार जब भी आप इस कला रूप का आनंद लें तो इसके लाभों पर ध्यान दें।