
भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली 5 सदाबहार पेंटिंग्स, एक बार जरूर देखें
क्या है खबर?
भारतीय पेंटिंग्स की दुनिया बहुत ही विविध और समृद्ध है। इनमें से कुछ पेंटिंग्स सदियों पुरानी हैं और आज भी वे लोगों के दिलों में नई जान फूंक देती हैं।
ये पेंटिंग्स न केवल अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती हैं, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, इतिहास और परंपराओं को भी दर्शाती हैं।
आइए आज हम आपको पांच ऐसी सदाबहार पेंटिंग्स के बारे में बताते हैं, जो आज भी लोगों को आकर्षित करती हैं।
#1
तंजौर पेंटिंग्स
तंजौर पेंटिंग्स दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध कला शैली है, जो तमिलनाडु के तंजावुर शहर से आती है।
इन पेंटिंग्स में सोने की पत्तियों का उपयोग किया जाता है, जिससे ये बेहद चमकदार और आकर्षक लगती हैं।
तंजौर पेंटिंग्स में हिंदू देवी-देवताओं, धार्मिक दृश्यों और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं।
इनका निर्माण लकड़ी के फ्रेम पर किया जाता है, जिसे चांदी की परतों से ढका जाता है, फिर इसे रंगा जाता है और सोने की पत्तियां लगाई जाती हैं।
#2
मधुबनी पेंटिंग्स
मधुबनी पेंटिंग्स बिहार की एक प्रसिद्ध कला शैली है। यह शैली मुख्य रूप से विवाह समारोह और त्योहारों के दौरान बनाई जाती है।
मधुबनी पेंटिंग्स में फूल, पेड़-पौधे, जानवर आदि के चित्रण होते हैं। इन पेंटिंग्स को हाथों से बनाई जाती हैं, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है।
मधुबनी पेंटिंग्स की खासियत यह है कि इनमें हिंदू देवी-देवताओं, रामायण और महाभारत की कहानियों को दर्शाया जाता है।
#3
वारली पेंटिंग्स
वारली पेंटिंग महाराष्ट्र की एक पारंपरिक कला शैली है। यह आदिवासी लोगों द्वारा बनाई जाती है।
वारली पेंटिंग्स में आदिवासी जीवन, उनके त्योहारों, नाच-गाना आदि को दर्शाया जाता है। इन पेंटिंग्स को हाथों से बनाई जाती हैं, जिसमें सफेद रंग का उपयोग होता है।
वारली पेंटिंग्स की खासियत यह है कि इनमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है और ये सरल होते हैं, जिससे आदिवासी जीवन की झलक मिलती है।
#4
कलमकारी पेंटिंग्स
कलमकारी पेंटिंग आंध्र प्रदेश की एक पारंपरिक कला शैली है। इसमें कपड़ों पर चित्रण किया जाता है, जिन्हें बाद में रंगा जाता है।
कलमकारी पेंटिंग्स में हिंदू देवी-देवताओं, रामायण और महाभारत की कहानियों को दर्शाया जाता है। इन पेंटिंग्स को हाथों से बनाई जाती हैं, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है।
कलमकारी पेंटिंग्स की खासियत यह है कि इनमें कपड़ों पर चित्रण किया जाता है, जिन्हें बाद में रंगा जाता है।
#5
पट्टचित्र पेंटिंग्स
पट्टाचित्र ओडिशा की एक पारंपरिक कला शैली है। इसमें कपड़ों पर चित्रण किया जाता है, जिन्हें बाद में रंगा जाता है।
पट्टाचित्र पेंटिंग्स में हिंदू देवी-देवताओं, रामायण और महाभारत की कहानियों को दर्शाया जाता है। इन पेंटिंग्स को हाथों से बनाई जाती हैं, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है।
पट्टाचित्र पेंटिंग्स की खासियत यह है कि इनमें कपड़ों पर चित्रण किया जाता है, जिन्हें बाद में रंगा जाता है।