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मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए बच्चे खुद कम कर रहे स्मार्टफोन का इस्तेमाल- अध्ययन 

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए बच्चे खुद कम कर रहे स्मार्टफोन का इस्तेमाल- अध्ययन 

लेखन सयाली
Jul 10, 2025
05:29 pm

क्या है खबर?

इन दिनों छोटे-छोटे बच्चे भी स्मार्टफोन के आदी हो गए हैं। वे पढ़ने से लेकर खेलने तक, सभी कामों के लिए मोबाइल का ही उपयोग करते हैं और पूरी तरह उसपर निर्भर हो गए हैं। ज्यादा स्मार्टफोन चलाने से बच्चों की आखें खराब होती हैं, दिमाग कमजोर होता है और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है। ऐसे में एक सर्वेक्षण से सामने आया है कि बच्चे अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए खुद ही स्मार्टफोन का उपयोग सीमित कर रहे हैं।

अध्ययन

मानसिक स्वास्थ्य और एकाग्रता को सुधारना है बच्चों का उद्देश्य

यह अध्ययन GWI नामक दर्शक अनुसंधान कंपनी द्वारा किया गया है। हालांकि, इसे अभी तक किसी पत्रिका में प्रकाशित नहीं किया गया है। शोध से पता चला है कि बच्चे अपने मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत सुरक्षा और एकाग्रता अवधि को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए अपने स्मार्टफोन से ब्रेक लेना शुरू कर रहे हैं। वे खुद ही इस बड़े बदलाव को अपना रहे हैं और अपने माता-पिता के बोले बगैर ही इंटरनेट का इस्तेमाल सीमित कर रहे हैं।

प्रक्रिया

18 देशों के प्रतिभागियों ने लिया था अध्ययन में भाग

इस शोध को पूरा करने के लिए 18 देशों के प्रतिभागियों की मदद ली गई थी। सभी देशों के कुल 20,000 बच्चे और उनके अभिभावक इसका हिस्सा बने थे। शोधकर्ताओं के अनुसार, सभी बच्चे इस बात को समझ चुके हैं कि ऑनलाइन बहुत ज्यादा समय व्यतीत करना हानिकारक होता है। इसके लिए वे अपने सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के उपयोग पर नियंत्रण रख रहे हैं और उनके बिना समय बिताने की कोशिश कर रहे हैं।

नतीजे

बच्चे कैसे कम कर रहे स्मार्टफोन का उपयोग?

2022 से अब तक स्मार्टफोन, कंप्यूटर और आईपैड से ब्रेक लेने वाले 12-15 साल के बच्चों की संख्या 18 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। बच्चे और युवा इंटरनेट के कल्याण पर पड़ने वाले प्रभाव को प्रबंधित करने के लिए कई प्रकार के विकल्पों को आजमा रहे हैं। इनमें सोशल मीडिया से ब्रेक लेना, नकारात्मकता से खुद को दूर करना, इंटरनेट पर ज्यादा सकारात्मक चीजें देखना और कुछ मामलों में सोशल मीडिया को अलविदा कह देना शामिल है।

माता-पिता 

माता-पिता ने भी जताई चिंता

GWI के शोध से यह भी पता चला कि सोशल मीडिया की लत माता-पिता के बच्चों से जुड़े शीर्ष 3 दरों में से एक है। इनमें जलवायु परिवर्तन, युद्ध और आवास की लागत भी शामिल हैं। 8 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि वे नेटफ्लिक्स के मशहूर शो 'एडोलसेंस' देखने के बाद बच्चों की स्क्रीन-टाइम सीमा को लेकर सख्त हो गए हैं। इस शो में महिलाओं के प्रति द्वेष को दर्शाया गया है, जो बच्चों पर खतरनाक असर डाल सकता है।

अन्य रिपोर्ट

क्या कहती हैं अन्य रिपोर्ट?

2024 की एक रिपोर्ट में पाया गया कि 8-17 साल के 33 प्रतिशत बच्चों को लगता है कि उनका स्क्रीन टाइम बहुत ज्यादा है। एक अन्य रिपोर्ट में पाया गया कि सोशल मीडिया चलाने वाले 16-24 साल के 47 प्रतिशत बच्चे नोटिफिकेशन बंद कर देते हैं और 'डू नॉट डिस्टर्ब' मोड चालू रखते हैं। 34 प्रतिशत युवा सोशल मीडिया से जानबूझकर ब्रेक लेते हैं और 24 प्रतिशत ऐप को इसलिए हटाते हैं, क्योंकि वे मानसिक स्वास्थ्य ठीक करना चाहते हैं।