
प्राकृतिक वातावरण में खुद को छिपाने में माहिर हैं ये 5 जानवर, जानिए इनके बारे में
क्या है खबर?
प्राकृतिक वातावरण में खुद को छिपाने के लिए जानवर कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
कुछ जानवर अपने रंग और पैटर्न को बदलकर ऐसा करते हैं, जबकि कुछ अपने आकार को बदलकर या अपने शरीर के कुछ हिस्से को छिपाकर ऐसा करते हैं।
इस लेख में हम उन पांच जानवरों के बारे में बात करेंगे, जो प्रकृति के साथ सबसे अच्छे से घुलमिल जाते हैं और विशेषज्ञों के अनुसार ये जानवर सबसे अच्छे से खुद को छिपा लेते हैं।
#1
गिरगिट
गिरगिट दुनिया के सबसे रंगीन और अनोखे छिपकली परिवार के सदस्य हैं। ये अपनी त्वचा के रंग और पैटर्न को बदल सकते हैं ताकि वे अपने आसपास के माहौल में आसानी से घुलमिल सकें।
यह रंग परिवर्तन न केवल उनके लिए सुरक्षा का साधन है, बल्कि यह संवाद का एक तरीका भी है।
गिरगिट अपने रंग और पैटर्न के माध्यम से अन्य गिरगिट के साथ संवाद करते हैं, जिससे वे साथी आकर्षित कर सकते हैं।
#2
साही
साही एक अनोखा जानवर है, जो अपने शरीर पर कांटेदार बालों के कारण जाना जाता है।
ये कांटे शारीरिक सुरक्षा प्रदान करते हैं और इनकी मदद से साही अपने प्राकृतिक वातावरण में आसानी से छिप सकता है।
साही अपने कांटेदार शरीर के कारण शिकारियों से सुरक्षित रहता है। जब यह खतरे में महसूस करता है तो यह अपने कांटों को फैलाकर अपने आप को बचाने की कोशिश करता है और अपने पर्यावरण में छिप जाता है।
#3
ऑक्टोपस
ऑक्टोपस एक बेहद समझदार समुद्री जीव है, जो अपनी त्वचा के रंग और बनावट को तुरंत बदल सकता है।
यह बदलाव न केवल सुरक्षा का एक साधन है बल्कि संवाद का भी एक तरीका है। ऑक्टोपस अपनी त्वचा पर मौजूद विशेष कोशिकाओं की मदद से रंग, पैटर्न और बनावट बदल सकता है, जिससे वह अपने पर्यावरण में आसानी से घुलमिल जाता है।
यह कला उसे शिकारियों से बचने और शिकार करने में मदद करती है।
#4
यूरोपियन ग्रीन लिजर्ड
यूरोपियन ग्रीन लिजर्ड एक प्रकार की छिपकली होती है, जो अपनी त्वचा के हरे रंग के कारण अपने प्राकृतिक वातावरण में आसानी से घुलमिल जाती है।
यह छिपकली अपने हरे रंग के कारण पेड़ों और पत्तियों के बीच खुद को छिपाने में सक्षम होती है।
जब यह खतरे में महसूस करती है तो यह अपने रंग को बदलकर या अपने शरीर के कुछ हिस्से को छिपाकर सुरक्षा प्राप्त करती है।
#5
बाघ
बाघ एक ऐसा जानवर है, जो अपने अनोखे धारीदार पैटर्न के कारण जंगलों में आसानी से घुलमिल जाता है।
इनकी धारीदार त्वचा इन्हें घास और झाड़ियों के बीच छिपने में मदद करती है, जिससे वे शिकारियों से सुरक्षित रहते हैं और शिकार भी कर सकते हैं।
बाघ की यह धारीदार पैटर्न न केवल इन्हें सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि यह संवाद का एक साधन भी है, जिससे वे अन्य बाघों के साथ संवाद कर सकते हैं।