
पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरॉन से बढ़ता है किडनी की पथरी का जोखिम, अध्ययन ने किया खुलासा
क्या है खबर?
किडनी की पथरी एक बढ़ती हुई वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है।
इस रोग के कारण असहनीय दर्द होता है, जिसके कारण उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है और महिलाओं की तुलना में पुरुषों को इसका खतरा अधिक होता है।
एक नए अध्ययन से यह सामने आया है कि जिन पुरुषों के शरीर में कम टेस्टोस्टेरॉन हार्मोंन होते हैं, उन्हें किडनी की पथरी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
अध्ययन के प्रतिभागियों ने करवाई कई स्वास्थ्य जांच
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इम्पोटेंस रिसर्च में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 3,234 पुरुषों के डाटा का विश्लेषण किया, जिन्होंने साल 2010 से साल 2020 के बीच दक्षिण कोरिया के सियोल में एक विश्वविद्यालय अस्पताल में नियमित स्वास्थ्य जांच करवाई थी।
सभी प्रतिभागी ने अपना रक्त परीक्षण, किडनी-मूत्रवाहिनी-मूत्राशय रेडियोग्राफी (KUB) और पेट का अल्ट्रासाउंड करवाया।
इसके अतिरिक्त उनमें टेस्टोस्टेरॉन का स्तर मापने के लिए सुबह के रक्त के नमूने इकट्ठे किए।
तरीका
कैसे किया गया अध्ययन?
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों में पथरी का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनोग्राफी और रेडियोग्राफी के संयोजन का इस्तेमाल किया गया।
अध्ययन में विभिन्न स्वास्थ्य संकेतकों पर भी ध्यान दिया जैसे कि आयु, बॉडी मास इंडेक्स (BMI), रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स, खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर, अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर, क्रिएटिनिन, रक्त यूरिया नाइट्रोजन, हीमोग्लोबिन ए1सी, यूरिक एसिड और कैल्शियम आदि।
शोधकर्ताओं ने संबंधों का मूल्यांकन करने के लिए लॉजिस्टिक रिग्रेशन मॉडल लागू किए और सभी कारकों पर ध्यान दिया।
बयान
कम टेस्टोस्टेरॉन से किडनी की पथरी का ज्यादा- शोधकर्ता
शोधकर्ताओं ने विश्लेषण में शामिल 3,234 पुरुषों में से 178 की किडनी में पथरी पाई गई और उनमें औसत टेस्टोस्टेरॉन का स्तर 4.7 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर था।
शोधकर्ताओं के पहले विश्लेषण से ही पता चल गया कि पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरॉन का स्तर किडनी की पथरी से जुड़ा है।
अध्ययन के लेखकों का कहना है कि किडनी की पथरी होने का एक कारक खराब जीवनशैली भी हो सकता है।
परिणाम
अध्ययन से सामने आए ये परिणाम
इस अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम था, उनमें किडनी की पथरी होने की संभावना काफी अधिक थी।
प्रतिभागियों की उम्र, रक्तचाप और मेटाबॉलिज्म कारकों समेत अन्य स्वास्थ्य संकेतकों को ध्यान में रखने के बाद भी यह संबंध सही साबित हुआ।
अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि टेस्टोस्टेरॉन का सही स्तर पथरी के खिलाफ एक सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है। हालांकि, अभी इसे लेकर और अध्ययन होने बाकि है।