मोमो खाने के शौकीन लोग इस व्यंजन को पौष्टिक बनाने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स
मोमो तिब्बत और नेपाल में खाया जाने वाला सबसे लोक्रपिय व्यंजन है, जो भारत में सभी का पसंदीदा बन चुका है। यह पहाड़ी इलाकों से लेकर देश के हर कोने में मिलने वाला सबसे मशहूर स्ट्रीट फूड है। हालांकि, यह मैदे से बनने के कारण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इस स्वादिष्ट व्यंजन की रेसिपी को आप कुछ बदलाव करके पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक बना सकते हैं। आप इन 5 टिप्स के जरिए मोमो को पौष्टिक बना सकते हैं।
मैदे की जगह इस्तेमाल करें आटा
मैदे को अधिक मात्रा में खान-पान का हिस्सा बनाने से आपका वजन बढ़ सकता है और यह वसा को जलाने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। ऐसे में आप मोमो बनाते वक्त उसमें मैदे की जगह गेंहू के आटे का इस्तेमाल करें। इसमें फाइबर की मौजूदगी आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखती है और तृप्ति की भावना को बढ़ाती है। साथ ही आटे के मोमो खाने से आपको वजन बढ़ने की चिंता नहीं सताएगी।
शामिल करें ढ़ेर सारी सब्जियां
बाजार में मिलने वाले मोमो में बासी सब्जियां डाली जाती हैं, जिनके सेवन से आप बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में आप घर पर मोमो बनाते समय उसमें ढ़ेर सारी ताजी सब्जियां शामिल करें। आप अपने मोमो में पत्तागोभी, प्याज, गाजर, शिमलामिर्च और कॉर्न जैसी मनपसंद सब्जियां शामिल कर सकते हैं। सब्जियां आहारीय फाइबर का एक बढ़िया स्रोत हैं, जो पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आप घर पर आसानी से पत्तागोभी के मोमो भी बना सकते हैं।
मोमो में डालें प्रोटीन
मोमो एक ऐसा स्नैक है, जिसकी कई प्रकार की विविधताएं दुनियाभर में खाने को मिलती हैं। इस व्यंजन को बनाने के लिए कई तरह के प्रोटीन स्त्रोतों का भी उपयोग किया जाता है। आप भी अपनी मोमो रेसिपी के पोषण को बढ़ाने एक लिए उसमें अपना मन चाहा प्रोटीन शामिल करें। पनीर, टोफू या सोया जैसे प्रोटीन स्त्रो इसे अधिक स्वास्थ्यवर्धक बनाएंगे। इनके जरिए आपकी ऊर्जा बढ़ती है, ब्लड शुगर नियंत्रित होती है और शरीर की शक्ति भी बढ़ती है।
तलने की जगह करें स्टीम
मोमो के शौकीन लोगों में से कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें तले हुए मोमो खाना पसंद होता है। हालांकि, ज्यादा मात्रा में तले हुए मोमो का सेवन आपको मोटा करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ सकता है। इसके विकल्प के तौर पर आप स्टीम मोमो बनाकर खा सकते हैं। स्टीम करना खाना पकाने की एक स्वस्थ विधि है, जो सामग्री में पोषक तत्वों को संरक्षित रखती है। स्टीम्ड मोमो में न्यूनतम वसा होती है, जो उन्हें स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बनाती है।
कम मसालों का करें प्रयोग
मोमो और उसके साथ खाई जाने वाली चटनी, दोनों में ही अधिक मिर्च-मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। तीखा और मसालेदार खाना आपके पेट को कमजोर करता है, जिससे उलटी आना, पेट में जलन होना और गैस बनना शुरू हो जाता है। आप घर पर मोमो बनाते समय उसमें कम मसाले डालें। साथ ही चटनी बनाते वक्त भी उसमें लाल मिर्च का इस्तेमाल कम करें। आप रेसिपी में नमक भी संतुलित मात्रा में डालें और हर्ब्स का इस्तेमाल करें।