
भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा हैं ये 5 डांस स्टाइल्स, इनके बारे में जानें
क्या है खबर?
भारतीय संस्कृति में नाच-गाने का अहम स्थान है। हमारे डांस स्टाइल्स न केवल हमारी परंपरा को जीवित रखती हैं, बल्कि हमें अपने इतिहास और संस्कृति से भी जोड़ती हैं।
भारत में अलग-अलग राज्यों में कई प्रकार के लोक और शास्त्रीय नृत्य होते हैं।
इस लेख में हम आपको भारत की पांच प्रमुख डांस स्टाइल्स के बारे में बताएंगे, जो आपको अपनी विविधता और सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देंगी।
#1
भरतनाट्यम
भरतनाट्यम दक्षिण भारत का एक प्रमुख शास्त्रीय नाच है। यह नाच-गाना अपनी लयबद्ध ताल और जटिल मुद्राओं के लिए जाना जाता है।
भरतनाट्यम में कथकली और मोहिनीयाट्टम जैसे अन्य दक्षिण भारतीय नाच शैलियों का भी प्रभाव देखा जा सकता है।
इस डांस स्टाइल में नर्तक पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और चेहरे पर हल्का मेकअप करते हैं ताकि उनकी भावनाएं साफ नजर आएं।
भरतनाट्यम की प्रस्तुति अक्सर मंदिरों में होती है।
#2
कथक
कथक उत्तर भारत की एक लोकप्रिय शास्त्रीय नाच शैली है, जो मुगलों के समय से जुड़ी हुई है।
इस डांस स्टाइल में तेज गति में नाचते हुए कदम रखने और घूमने की तकनीक शामिल होती है।
कथक में कहानी सुनाने का तरीका बेहद अनोखा होता है, जिसमें नर्तक अपनी हथेलियों और पैरों की ताल से कहानी बुनते हैं।
इस कला को देखने पर ऐसा लगता है जैसे कोई कहानी जीवंत हो रही हो।
#3
कुचिपुड़ी
कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश का एक प्रमुख प्रदर्शन कला है, जो डांस और नाटक दोनों को मिलाकर प्रस्तुत की जाती है।
इसमें धार्मिक कहानियां और पौराणिक पात्रों का अभिनय किया जाता है। कुचिपुड़ी की प्रस्तुति पानी पर होती है, जिसमें नर्तक पानी से भरे बर्तन का उपयोग करते हैं।
इसका संगीत भी बेहद मधुर होता है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। कुचिपुड़ी की वेशभूषा और मेकअप भी बहुत आकर्षक होते हैं, जो इस कला को खास बनाते हैं।
#4
मोहिनीअट्टम
मोहिनीअट्टम केरल की एक खास शास्त्रीय नाच शैली है, जो महिलाओं द्वारा प्रस्तुत की जाती है।
यह डांस स्टाइल अपनी लयबद्ध ताल और सुगम संगीत के लिए जानी जाती है।
मोहिनीअट्टम में नर्तक पारंपरिक वस्त्र पहनती हैं और चेहरे पर हल्का मेकअप करती हैं ताकि उनकी भावनाएं साफ नजर आएं।
इस नाच शैली में हाथों की मुद्राएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, जो भावनाओं को व्यक्त करती हैं।
#5
ओडिसी
ओडिसी ओडिशा राज्य की शास्त्रीय नाच शैली है, जो अपनी अनोखी मुद्राओं और लयबद्ध ताल के लिए जानी जाती है।
इसमें नर्तक पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं और चेहरे पर हल्का मेकअप करते हैं ताकि उनकी भावनाएं साफ नजर आएं।
इस कला रूप में हाथों की मुद्राएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, जो भावनाओं को व्यक्त करती हैं। ओडिसी की प्रस्तुति मंदिरों में होती है, जहां इसकी सुंदरता और शुद्धता को बनाए रखा जाता है।