
भारत की इन 5 प्राचीन बावड़ियों को बनाएं अपनी यात्रा का हिस्सा, मिलेगा यादगार अनुभव
क्या है खबर?
भारत की संस्कृति और इतिहास में बावड़ियों की अहम भूमिका है। ये प्राचीन जलाशय न केवल पानी का स्रोत हैं, बल्कि वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण भी हैं।
हर क्षेत्र की अपनी खासियत होती है, जो इन्हें अनोखा बनाती है। राजस्थान का जल महल से लेकर गुजरात में रानी की वाव तक, हर बावड़ी में एक अलग कहानी छिपी है।
आइए भारत की पांच सबसे खूबसूरत और प्राचीन बावड़ियों के बारे में जानते हैं।
#1
राजस्थान का जल महल
राजस्थान की जल महल अपनी सुंदरता और वास्तुकला के लिए मशहूर है। यह आमेर झील के बीचों-बीच स्थित है, जिससे इसका दृश्य बेहद आकर्षक है।
चार मंजिला इस महल का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। यहां की वास्तुकला मुगल शैली को दर्शाती है, जिसमें बाग-बगिचों का विशेष महत्व है।
जल महल में प्रवेश करने पर आपको पानी के साथ-साथ प्रकृति की गोद में बैठने का अनुभव मिलेगा, जो एक अनोखा एहसास है।
#2
गुजरात में रानी की वाव
गुजरात में रानी की वाव सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है और यह 11वीं सदी की एक बेहतरीन वास्तुकला है।
यह बावड़ी राजा कृष्णा देव राय द्वारा बनाई गई थी, जो तत्कालीन सुलतान को हराने के बाद उनकी बेटी को पानी देने के लिए बनाई गई थी।
इस बावड़ी में कई स्तर होते हैं, जिनमें अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हुई हैं। यहां आने पर आपको इतिहास और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
#3
मध्य प्रदेश की चंदनिया बावड़ी
मध्य प्रदेश की चंदनिया बावड़ी उज्जैन शहर में स्थित है और इसे 7वीं सदी में बनाया गया था।
यह बावड़ी अपनी गहराई और भव्यता के लिए जानी जाती है, जिसमें कई स्तर होते हैं। यहां आने पर आपको प्राचीन भारतीय वास्तुकला का अनोखा नमूना देखने को मिलेगा।
चंदनिया बावड़ी में जलाशय के साथ-साथ सुंदर नक्काशीदार दीवारें भी हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।
#4
हरियाणा की आदमपुर बावड़ी
हरियाणा की आदमपुर बावड़ी हिसार जिले में स्थित है और इसे 14वीं सदी में बनाया गया था। यह बावड़ी अपनी विशालता और सुंदरता के लिए मशहूर है, जिसमें कई स्तर होते हैं।
यहां आने पर आपको प्राचीन भारतीय वास्तुकला का अनोखा नमूना देखने को मिलेगा।
आदमपुर बावड़ी में जलाशय के साथ-साथ सुंदर नक्काशीदार दीवारें भी हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। यहां की वास्तुकला और जलाशय का सौंदर्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
#5
पंजाब की फतेहगढ़ साहिब की काला बैराग
पंजाब में फतेहगढ़ साहिब की काला बैराग एक ऐतिहासिक बावड़ी है, जो गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर बनी थी।
यह बावड़ी अपनी गहराई और भव्यता के लिए जानी जाती है, जिसमें कई स्तर होते हैं। यहां आने पर आपको प्राचीन भारतीय वास्तुकला का अनोखा नमूना देखने को मिलेगा।
इन सभी बावड़ियों में न केवल जलाशय होते हैं, बल्कि ये भारतीय इतिहास और संस्कृति को भी दर्शाती हैं।