मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटकों से भरी गाड़ी के मामले में कब-क्या हुआ?
क्या है खबर?
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी और इससे संबंधित कार डीलर मनसुख हीरेन की मौत ने महाराष्ट्र की राजनीति को हिला कर रख दिया है।
मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के प्रमुख पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की गिरफ्तारी हो चुकी है और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को भी अपने पद से हाथ धोना पड़ा है।
आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि इस बहुचर्चित मामले में कब क्या हुआ।
शुरूआत
25 फरवरी को अंबानी के घर के बाहर खड़ी मिली विस्फोटकों से भरी गाड़ी
25 फरवरी को देश के सबसे बड़े उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर 'एंटीलिया' के पास से विस्फोटक सामग्री से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी।
पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने एंटीलिया से कुछ मीटर दूर खड़ी इस हरे रंग की स्कॉर्पियो से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की थीं।
गाड़ी में एक धमकी भरा पत्र भी मिला था जिसमें अंबानी और उनके पूरे परिवार को धमकी दी गई थी।
मनसुख हीरेन
स्कॉर्पियो को ट्रेस कर मनसुख हीरेन तक पहुंची पुलिस
पुलिस इस स्कॉर्पियो गाड़ी को ट्रेस करते हुए डीलर मनसुख हीरेन तक पहुंची जिन्होंने बताया कि गाड़ी का असली मालिक ठाणे का रहने वाला सैम पीटर न्यूटन है और गाड़ी की मरम्मत के पैसे न चुकाने पर वह इसका इस्तेमाल कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को यह गाड़ी विक्रोली से चोरी हो गई थी और उन्होंने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी।
उन्होंने यह बयान सचिन वाजे को दिया जो इस मामले के मुख्य जांच अधिकारी थे।
बड़ा ट्विस्ट
5 मार्च को मुंबई के बाहर नहर में मिला हीरेन का शव
मामले में बड़ा ट्विस्ट तब आया जब पुलिस के सामने बयान दर्ज कराने के कुछ दिन बाद 5 मार्च को हीरेन का शव मुंबई के बाहर एक नहर में मिला।
अपनी मौत से पहले 2 मार्च को उन्होंने कुछ पुलिसकर्मियों और पत्रकारों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी।
हीरेन का शव मिलने के बाद उनकी पत्नी ने वाजे पर उनके पति की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
जांच
6 मार्च को ATS को सौंपी गई जांच, 8 मार्च को NIA ने संभाला जिम्मा
मामले को तूल पकड़ता देख महाराष्ट्र सरकार ने 6 मार्च को स्कॉर्पियो चोरी होने, इसके अंबानी के घर के बाहर मिलने और हीरेन की हत्या के तीनों मामलों की जांच महाराष्ट्र आतंक विरोधी दस्ते (ATS) को सौंप दी।
दो दिन बाद ही 8 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तीनों मामलों की जांच महाराष्ट्र ATS से अपने हाथों में ले ली और वाजे को पूछताछ के लिए अपने ऑफिस बुलाया।
गिरफ्तारी
13 मार्च को गिरफ्तार किए गए वाजे
वाजे 13 मार्च को पूछताछ के लिए NIA के दफ्तर पहुंचे और 12 घंटे की पूछताछ के बाद रात लगभग 11:50 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन कोर्ट ने उन्हें NIA की कस्टडी में भेज दिया।
अपने आगे की जांच में NIA ने वाजे द्वारा इस्तेमाल की गई अन्य कुछ गाड़ियों को भी जब्त किया। इन सभी गाड़ियों का मामले से सीधा संबंध था। एक गाड़ी से विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो की असली नंबर प्लेट भी बरामद हुई।
तबादला
वाजे के साथ करीबी के कारण गया मुंबई पुलिस कमिश्नर का पद
वाजे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री अनिल देशमुख, पुलिस प्रमुख (DGP) हेमंत नागराले और परमबीर सिंह के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक के अगले दिन सिंह का होमगार्ड विभाग में तबादला कर दिया गया और हेमंत नागराले को उनकी जगह मुंबई पुलिस का नया पुलिस प्रमुख बना दिया गया।
वाजे के साथ करीबी के कारण सिंह पर ये कार्रवाई की गई और वाजे उन्हें ही रिपोर्ट करते थे।