
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए इस बार नहीं होगी श्रद्धालुओं की सीमा
क्या है खबर?
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए इस बार श्रद्धालुओं के आने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। यह जानकारी गढ़वाल प्रशासन ने दी है।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि चार धाम यात्रा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है और इस बार तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निर्देश है कि तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह असुविधा न हो।
यात्रा
अभी तक 13.5 लाख लोगों ने कराया पंजीकरण
पांडे ने बताया कि चार धाम यात्रा के लिए अभी पंजीकरण जारी है, अब तक करीब 13.5 लाख लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया है।
उन्होंने बताया कि इस बार प्रशासन की ओर से कई चीजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें यातायात, शुद्ध पेयजल और पार्किंग शामिल है।
अक्सर तीनों ही मामलों में श्रद्धालुओं की ओर से काफी शिकायतें आती हैं। यात्रा मार्ग को भी 10 किलोमीटर के सेक्टर में बांटा गया है।
तैयारी
पिछले साल की यात्रा समाप्त होने के बाद ही शुरू कर दी गई थी तैयारी
पांडे ने बताया कि 10 किलोमीटर के सेक्टर के बाद इसे जोन और सुपर जोन में भी बांटा गया है। हर 10 किलोमीटर के मार्ग पर अधिकारी वॉकी-टॉकी के साथ दोपहिया वाहनों पर यात्रा करेंगे और नजर रखेंगे।
उन्होंने बताया कि पिछले साल चार धाम यात्रा के समापन के बाद ही मुख्यमंत्री की ओर से इस साल की यात्रा के लिए निर्देश दे दिए गए थे। मुख्यमंत्री 2 से 3 बैठक कर चुके हैं।
जानकारी
कब से शुरू हो रही चार धाम यात्रा
उत्तराखंड में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ की यात्रा हर साल होती है, जो मौसम और मुहूर्त के आधार पर अप्रैल-मई से शुरू होती है और नवंबर तक चलती है। इस बार गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल, केदारनाथ 2 मई और बद्रीनाथ 4 मई को खुलेंगे।