संभल हिंसा में हुई मौतों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, देसी बंदूक से लगी गोली
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में 4 लोगों की गोली लगने से मौत हुई है, जिसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदर्शनकारियों की मौत पुलिस की गोली से नहीं बल्कि देसी बंदूक की गोली लगने से हुई है। रिपोर्ट में 315 बोर की गोलियों से चोट लगने का पता चला है, जो आमतौर पर देसी पिस्तौल से चलाई जाती है।
पुलिस ने आरोपों का खंडन किया
सूत्रों का कहना है कि उन्होंने अपनी बंदूकों से 9 एमएम की गोलियां इस्तेमाल की थी, जिसका पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं है। पुलिस का कहना है कि रविवार को इलाके में कई घरों से गोलीबारी हुई थी। उन्होंने हिंसा और उसके बाद की तलाशी के दौरान कई देसी पिस्तौल बरामद की है। संभल के डिविजनल कमिश्नर अंजनेय कुमार सिंह ने भी देसी पिस्तौल से गोली लगने की बात स्वीकार की है और पुलिस की गोली से इंकार किया है।
सामान्य हो रहे हालात, लेकिन इंटरनेट बंद
हिंसा के बाद संभल में सामान्य स्थिति फिर से लौट रही है। स्कूल खोल दिए गए हैं और रोजमर्रा की जरूरत की दुकानें भी खुल रही हैं। अभी संभल तहसील में इंटरनेट सेवा को बहाल नहीं किया गया है। प्रमुख चौराहों और बाजारों में पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस बीच हिंदु और मुस्लिम समुदायों ने सांप्रदायिक सद्भाव को दोबारा बनाने का आह्वान किया है।
सांसद और विधायक के बेटे समेत 800 पर मुकदमा
संभल में हुई हिंसा के लिए पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि उनके भड़काऊ बयानों से हिंसा फैली थी। पुलिस ने समाजवादी पार्टी के स्थानीय विधायक के बेटे समेत कुल 800 लोगों को भी आरोपी बनाया है। अभी 25 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं। सांसद बर्क ने पुलिस पर हिंसा को साजिश के तहत भड़काने और लोगों की हत्या का आरोप लगाया है।
कैसे शुरू हुई थी हिंसा
संभल में 19 नवंबर से तनाव की स्थिति है। दरअसल, स्थानीय कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। याचिका में दावा था कि मस्जिद के स्थान पर हरिहर का मंदिर है। रविवार को सुबह 7:30 बजे वकील और कमिश्नर सर्वेक्षण के लिए पहुंचे थे। तभी मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और हंगामा शुरू कर दिया। दरसअल, मस्जिद का एक सर्वे हो चुका था और यह दूसरा सर्वे था, जिससे लोग नाराज थे। तभी तनाव बढ़ा।