संभल हिंसा पर पुलिस FIR में समाजवादी पार्टी के सांसद का नाम, दंगा भड़काने का आरोप
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर पुलिस की FIR सामने आई है। इसमें संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान का नाम शामिल है, जिनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर भडकाऊ बयान दिए और लोगों को दंगे के लिए उकसाया। FIR में समाजवादी पार्टी के स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और करीब 700 से 800 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
FIR में क्या लिखा गया है?
FIR के मुताबिक, रविवार को हिंसा से 2 दिन पहले रहमान नमाज के लिए मस्जिद गए थे और उसके तुरंत बाद भड़काऊ बयान दिया और राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा था। इसके बाद रविवार को सुबह करीब 9 बजे एक हथियारबंद भीड़ स्थानीय कोर्ट के आदेश पर हो रहे सर्वेक्षण को रोकने के इरादे से मस्जिद के पास पहुंची थी। घटना के दिन सोहेल इकबाल और अन्य लोगों ने भीड़ को उकसाया।
सोची समझी साजिश के तहत हुई हिंसा- FIR
पुलिस की FIR के मुताबिक, प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने सर्वेक्षण के दौरान भीड़ को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने नारेबाजी करते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी और पथराव किया। पुलिस ने बताया कि हिंसक भीड़ ने पुलिस के हथियार छीन कर गोलीबारी की, जिसमें पुलिस अधिकारी घायल हो गए। भीड़ ने पुलिस के हथियार छीनकर उनको मारने का आह्वान किया। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने सोची समझी साजिश के तहत पत्थरबाजी की थी।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने पुलिस के आरोपों को नकारा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पुलिस के आरोपों को नकारा था। उन्होंने कहा था कि दंगा भड़काने का आरोप उनके सांसद रहमान पर लगाया जा रहा है, जबकि वह संभल में मौजूद ही नहीं थे। उन्होंने दंगे को सरकार की साजिश बताई है। वहीं सांसद रहमान ने पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है क्योंकि पुलिस ने निजी हथियारों का उपयोग किया था।
क्या है संभल हिंसा का मामला?
संभल में 19 नवंबर से तनाव की स्थिति है। दरअसल, स्थानीय कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। याचिका में दावा था कि मस्जिद के स्थान पर हरिहर का मंदिर है। रविवार को सुबह 7:30 बजे वकील और कमिश्नर सर्वेक्षण के लिए पहुंचे थे। तभी मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और हंगामा शुरू कर दिया। दरसअल, मस्जिद का एक सर्वे हो चुका था और यह दूसरा सर्वे था, जिससे लोग नाराज थे। तभी हिंसा बढ़ी।