मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान, सुबह 9 बजे तक ऑफिस आए अधिकारी नहीं तो होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी अधिकारियों को सुबह 9 बजे तक ऑफिस पहुंचने का फरमान सुनाया है। हालांकि अधिकारियों, विशेषकर जिला स्तर के अधिकारियों, को उनके इस आदेश के साथ सामंजस्य बिठाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। देरी से ऑफिस पहुंचने के आदी हो चुके इन अधिकारियों में आदेश को लेकर कुछ हद तक नाराजगी भी है। इससे पहले योगी भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन रिटायर करने की बात भी कह चुके हैं।
क्या है पूरा आदेश?
योगी ने अपने आदेश में कहा था कि सभी अधिकारियों को सुबह 9 बजे तक ऑफिस पहुंचना है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों को सुबह 9 से 11 बजे के बीच जनता से मिलने को भी कहा था। जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों के आम आदमी के लिए उपलब्ध न होने की शिकायतों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ये आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय समय पर ऑफिस न पहुंचने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कह चुका है।
अधिकारियों ने कहा, घर जाने का भी समय बताएं मुख्यमंत्री
इस आदेश पर अधिकारियों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री ने ऑफिस आने के लिए सुबह 9 बजे का समय निर्धारित किया है, तो उन्हें घर जाने के लिए भी एक समय निर्धारित करना चाहिए। प्रमुख सचिव स्तर के एक अधिकारी ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' से कहा, "मुख्यमंत्री की बैठकें देर रात तक चलती हैं। अगर हम घर रात के 11 बजे पहुंच रहे हैं तो क्या हमसे अगले दिन सुबह 9 बजे ऑफिस आने की उम्मीद करनी चाहिए?"
पुलिस अधिकारी सबसे ज्यादा परेशान
जिला पुलिस प्रमुख इस आदेश से सबसे ज्यादा परेशान हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक पुलिस प्रमुख ने कहा, "SP के तौर पर मुझसे देर रात तक उपलब्ध रहने की उम्मीद की जाती है। मान लीजिए कि मेरे जिले में कोई दुर्घटना हुई और मैं सुबह 4 बजे तक ड्यूटी पर था, तो मैं सुबह 9 बजे वापस ऑफिस कैसे आ सकता हूं? जिले में हम 24x7 ड्यूटी पर रहते हैं।"
अधिकारियों की दलील, परिवार के लिए नहीं रहेगा समय
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जितने भी अधिकारियों से बात की गई, उनमें से अधिकांश अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के नए आदेश के बाद उनके पास अपने परिवार के लिए कोई समय नहीं रहेगा। अतिरिक्त प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी ने कहा, "मुझसे ज्यादा मेरा स्टाफ इस आदेश से नाराज है। अगर मुझे 9 बजे ऑफिस पहुंचना है तो मेरे ड्राइवर को 7:30 बजे घर से निकलना होगा। बाकी स्टाफ के साथ भी यही मामला है।"
'कार्य समय पर हो रहा है, ये सुनिश्चित करें मुख्यमंत्री'
अधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी को सुझाव देते हुए कहा, "मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी फाइल लंबित नहीं है और कार्य समय पर हो रहा है। ऑफिस में बैठे रहने और कोई कार्य न करने का क्या मतलब है?"
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी भी दे चुका है ऐसा ही आदेश
बता दें कि प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने भी केंद्रीय अधिकारियों को कुछ ऐसा ही आदेश सुनाया था। हालांकि वो आदेश समय से ऑफिस आने और अपना कार्य समय से पूरा करने को लेकर था। प्रधानमंत्री मोदी के इस आदेश का असर सरकारी दफ्तरों में देखने को भी मिला और अधिकारी समय पर आने लगे। योगी ने इसी चीज को दोहराने की कोशिश की है, लेकिन ये फैसला अधिकारियों के गले नहीं उतर रहा है।