योगी आदित्यनाथ से सवाल न पूछ पाएं पत्रकार, इसलिए करवा दिया इमरजेंसी वार्ड में बंद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को मुरादाबाद के अस्पताल के दौरे पर आए। इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री को मीडिया के सवालों से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने पत्रकारों को इमरजेंसी वार्ड में बंद कर दिया। यह घटना सामने आने के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है। प्रियंका गांधी ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
वार्ड में बंद कर तैनात की गई पुलिस
दरअसल, योगी आदित्यनाथ मुरादाबाद सरकारी अस्पताल में मिल रही सुविधाओं का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान अस्पताल की खामियों को लेकर पत्रकार कोई सवाल न पूछ लें, इसलिए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने दर्जनों पत्रकारों को एक कमरे में बंद करवा दिया। पत्रकारों ने आरोप लगाया कि उन्हें लगभग दो घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में बंद रखा गया। इतना ही नहीं, उन्होंने निगरानी के लिए गेट के बाहर पुलिसकर्मियों को भी तैनात कर दिया।
जिलाधिकारी ने किया आरोपों का खंडन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरजेंसी वार्ड में बंद पत्रकारों ने बताया कि योगी के जाने के आधे घंटे बाद जिलाधिकारी ने वार्ड का दरवाजा खोला। हालांकि, सिंह ने इस आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, "यह सही नहीं है। निरीक्षण के दौरान कई मीडियाकर्मी वार्ड के अंदर थे। हमने उनसे वार्ड में न जाने का आग्रह किया था।" हालांकि, उन्होंने माना कि पुलिस ने मीडियाकर्मियों को अंदर आने से रोका था ताकि अस्पताल में भीड़ न हो।
यहां देखिये घटना का वीडियो
प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
पत्रकारों को बंधन बनाए जाने की खबर सामने आने के बाद विपक्षी दल सरकार पर हमलवार हो गए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, 'पत्रकार बंधक बनाए जा रहे हैं, सवालों पर पर्दा डाला जा रहा है, समस्याओं को दरकिनार किया जा रहा है। प्रचंड बहुमत पाने वाली उप्र भाजपा सरकार जनता के सवालों से ही मुँह बिचका रही है। नेताजी ये पब्लिक है ये सब जानती है। सवाल पूछेगी भी और जवाब लेगी भी।'
पत्रकार के साथ रेलवे पुलिस ने की थी मारपीट
बीते महीने उत्तर प्रदेश के ही शामली जिले में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना को कवर करने गए पत्रकार के साथ रेलवे पुलिस के जवानों ने मारपीट की थी। पीड़ित पत्रकार अमित ने पुलिसवालों पर उन्हें जेल में बंद करने और मुंह में पेशाब करने का आरोप भी लगाया था। घटना के विरोध में पत्रकारों द्वारा आवाज उठाने के बाद अधिकारियों ने इस मामले में एक SHO और एक सिपाही को सस्पेंड किया था।
योगी पर ट्वीट के लिए पत्रकार को किया गया था गिरफ्तार
इस घटना से पहले योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट के लिए पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी का मामला विवादों में रहा था। प्रशांत ने योगी से शादी करने का दावा करने वाली महिला का वीडियो ट्वीट करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा था, "इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी।" यूपी पुलिस ने ट्वीट का स्वयं संज्ञान लेते हुए प्रशांत को दिल्ली में उनके घर से उठा लिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रशांत की रिहाई हुई थी।