
वोलोडिमीर जेलेंस्की कर सकते हैं भारत का दौरा, राजदूत बोले- दोनों पक्ष तैयारियां कर रहे
क्या है खबर?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की जल्द ही भारत आ सकते हैं। भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने कहा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के भारत आने की संभावना है और तारीख को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा चल रही है। इससे पहले अगस्त, 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की यात्रा की थी। तब उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया था। यूक्रेन में युद्धविराम प्रयासों के लिहाज से भी ये घोषणा अहम है।
बयान
राजदूत बोले- जेलेंस्की के दौरे की तैयारी की जा रही
पत्रकारों से बात करते हुए पोलिशचुक ने कहा कि जेलेंस्की के दौरे की तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा, "भारतीय प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया है। दोनों पक्ष इस पर काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की निश्चित रूप से भारत आएंगे। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी उपलब्धि होगी। हम एक निश्चित तारीख पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"
बयान
राजदूत ने कहा- शांति वार्ता में भारत की अहम भूमिका
भारत में यूक्रेन के राजदूत ने कहा, "भारत और यूक्रेन के बीच भविष्य की रणनीतिक साझेदारी को लेकर जो घोषणा हुई है, उस पर विश्वास कीजिए, इसमें हमारे पास बहुत संभावनाएं हैं।" उन्होंने कहा कि भारत युद्ध में तटस्थ नहीं है, लेकिन शांति, कूटनीति और राजनीतिक वार्ता का दृढ़ता से समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि कीव मास्को के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों के कारण संभावित शांति वार्ता में नई दिल्ली को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देखता है।
पुतिन का दौरा
पुतिन भी करेंगे भारत का दौरा
इस साल के अंत तक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत का दौरा करने वाले हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने रूस यात्रा के दौरान इसकी पुष्टि की थी। पुतिन का दौरा ऐसे वक्त होना है, जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के चलते भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है।
युद्धविराम
यूक्रेन में युद्धविराम के प्रयास तेज
ये जानकारी ऐसे वक्त आई है, जब यूक्रेन में युद्धविराम के प्रयास तेज हो गए हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलास्का में पुतिन से मुलाकात की थी। हालांकि, इसमें युद्धविराम पर कोई ठोस चर्चा नहीं हो सकी। इसके बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप जेलेंस्की और यूरोपीय देशों के नेताओं से मिले थे। तब यूक्रेन ने कहा था कि बिना उसको शामिल किए युद्धविराम पर सार्थक चर्चा नहीं हो सकती।
शर्तें
पुतिन ने युद्धविराम के लिए रखीं 4 शर्तें
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने क्रेमलिन के 3 करीबी सूत्रों के हवाले से कहा है कि पुतिन ने यूक्रेन से पूरे डोनबास क्षेत्र को सौंपने की शर्त रखी है। इसमें डोनेट्स्क और लुहांस्क प्रांत भी शामिल हैं। इसके अलावा यूक्रेन को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होने का इरादा छोड़ना होगा, तटस्थ रहना होगा और पश्चिमी देशों की सेनाओं को वहां से निकालना होगा। इस प्रस्ताव पर अभी यूक्रेन की प्रतिक्रिया नहीं आई है।