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#NewsBytesExplainer: ट्रंप भारत से क्यों नाराज, तेल खरीदी या यूक्रेन में युद्धविराम न होना है वजह?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है

#NewsBytesExplainer: ट्रंप भारत से क्यों नाराज, तेल खरीदी या यूक्रेन में युद्धविराम न होना है वजह?

लेखन आबिद खान
Aug 05, 2025
11:06 am

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। साथ ही उन्होंने भारत पर रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध से मुनाफा कमाने और होने वाली मौतों से आंख मूंदने जैसे कई आरोप भी लगाए। भारत जैसे अहम सहयोगी पर ट्रंप का सख्त रवैया और ये आरोप कई सवाल खड़े कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इसकी वजह भारत नहीं, बल्कि अमेरिका-रूस के संबंध हैं। आइए जानते हैं जानकार क्या कह रहे हैं।

युद्धविराम

रूस-यूक्रेन में युद्धविराम नहीं होना है वजह? 

ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनावों से पहले कहा था कि सत्ता में आने के एक हफ्ते के भीतर वे यूक्रेन युद्ध को खत्म कर देंगे। हालांकि, महीनों तक चली बातचीत और प्रयासों के बाद ट्रंप को कई बार समयसीमा बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'सख्त वार्ताकार' भी कहा। अब उन्होंने एकतरफा ही युद्धविराम के लिए 8 अगस्त की समयसीमा निर्धारित कर दी है। विशेषज्ञ इसे भारत पर सख्ती की वजह मान रहे हैं।

विशेषज्ञ

पुतिन से नाराजगी का गुस्सा भारत पर निकाल रहे ट्रंप- विशेषज्ञ

8 अगस्त आने को है, लेकिन रूस ने युद्धविराम पर कोई संकेत नहीं दिए हैं। ट्रंप की निराशा की ये सबसे बड़ी वजह है। वाशिंगटन डीसी स्थित दक्षिण एशिया विश्लेषक माइकल कुगेलमैन ने कहा, "अगर पुतिन यूक्रेन में युद्ध रोकने के ट्रंप के आह्वान को नजरअंदाज नहीं करते, तो ट्रंप शायद रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर इतनी सख्ती से हमला नहीं करते। वह साफ तौर पर पुतिन से अपनी नाराजगी भारत पर निकाल रहे हैं।"

तेल

क्या रूस से तेल खरीदने से नाराज हैं ट्रंप?

यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत का रूसी तेल आयात बढ़ा है। ट्रंप कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भारत चीन के साथ रूस के सबसे बड़े ऊर्जा खरीदारों में से हैं। ट्रंप ने इस वजह से भारत पर जुर्माना लगाने का ऐलान भी किया है। ट्रंप की नाराजगी की ये भी एक वजह है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के पहले भारत अमेरिका से ज्यादा तेल खरीदता था।

बयान

खोए हुए भारतीय बाजार को दोबारा पाना चाहते हैं ट्रंप?

कुगेलमैन ने कहा, "2021 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले भारत अमेरिकी तेल का सबसे बड़ा बाजार था। युद्ध के बाद भारत ने रियायती रूसी कच्चे तेल की ओर तेजी से रुख किया। ट्रंप शायद इस खोए हुए भारतीय बाजार को वापस पाना चाहते हैं। हालांकि, पुतिन के प्रति नाराजगी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। युद्धविराम के प्रयासों की अनदेखी करने के लिए पुतिन से नाराज ट्रंप भारत पर गुस्सा निकाल रहे हैं।"

संबंध

युद्धविराम को लेकर कैसे सुधरे और बिगड़े अमेरिका-रूस के रिश्ते?

ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही रूस के साथ रिश्ते सुधारे। अपने विशेष दूत को 4 बार मॉस्को भेजा, रूस की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर रोक लगाई और ट्रंप ने पुतिन की तारीफ में बयान दिए। इन सबके बावजूद यूक्रेन में युद्धविराम नहीं हो पाया। नाराज ट्रंप ने युद्धविराम वार्ता बंद कर रूस को 50 दिन की समयसीमा दी। इस दौरान ट्रंप ने रूसी हमलों को शर्मनाक बताया और रूस से व्यापार करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाए।

राय

ट्रंप के टैरिफ को कैसे देख रहे हैं जानकार?

पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने लिखा, 'टैरिफ धमकियों पर भारत का बयान रूसी तेल खरीदने के उसके फैसले के औचित्य और अमेरिका-यूरोप के पाखंड और दोहरे मानदंडों को उजागर करता है। भारत का संदेश है कि वह धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।' सामरिक मामलों के विश्लेषक ब्रह्म चेलानी ने कहा, 'विनाशकारी टैरिफ नीतियों और मानदंडों के प्रति तिरस्कार के साथ, ट्रंप भू-राजनीतिक रूप से एक बैल की तरह हैं। उनसे निपटना किसी भी देश के लिए चुनौती है।'