लगातार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, 14 अन्य मंत्रियों ने ली शपथ
क्या है खबर?
नीतीश कुमार लगातार चौथी और कुल सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं।
सोमवार को उन्होंने पटना में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नीतीश को रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) विधायक दल का नेता चुना गया था।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री
तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी ने ली मंत्री पद की शपथ
नीतीश कुमार के बाद दूसरे नंबर पर भाजपा विधायक दल के नेता और कटिहार से चार बार के विधायक तार किशोर प्रसाद ने शपथ ली।
तीसरे नंबर पर भाजपा नेत्री रेणु देवी ने शपथ ली थी। रेणु बेतिया विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बनी हैं।
इन दोनों को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
रविवार से ही इस पद के लिए इनके नाम के कयास लगाए जा रहे थे। सोमवार को समारोह से पहले दोनों के नाम की पुष्टि हुई।
जानकारी
भाजपा की तरफ से पांच मंत्री
भाजपा की तरफ मंगल पांडे, अमरेंद्र प्रताप सिंह, जीवेश मिश्रा, रामप्रीत पासवान और राम सूरत राय ने मंत्री पद की शपथ ली है। इस तरह भाजपा के 7 नेताओं ने आज मंत्री पद की शपथ ली है।
शपथ ग्रहण
जनता दल (यूनाइटेड) के कोटे से ये बने मंत्री
नीतीश कुमार के साथ जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी, विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, मेवालाल चौधरी और शीला कुमारी ने मंत्री पद की शपथ ली।
विजय चौधरी सरायरंजन सीट, विजेंद्र प्रसाद से सुपौल, मेवालाल तारापुर और शीला कुमारी फुलपरास सीट से जीतकर विधायक बने हैं, जबकि अशोक चौधरी विधानपार्षद हैं।
विजय चौधरी पिछली सरकार में विधानसभा स्पीकर रह चुके हैं वहीं शीला कुमारी पहली बार विधायक बनने के साथ-साथ पहली बार ही मंत्री बनने जा रही हैं।
जानकारी
NDA के सहयोगियों को मिला एक-एक मंत्री पद
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की तरफ से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने मंत्री पद की शपथ ली है। सहनी चुनाव हार गए हैं और उन्हें MLC बनाया जा सकता है।
जानकारी
पहले कब-कब मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार?
नीतीश पहली बार मार्च 2000 को मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न करने के कारण सात दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा।
दूसरी बार वो 2005 में मुख्यमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा किया।
2010 में विधानसभा चुनाव जीतकर वो फिर मुख्यमंत्री बने। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने मई में इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया।
मांझी कुछ ही महीने इस कुर्सी पर रहे और फरवरी 2015 में नीतीश चौथी बार मुख्यमंत्री बने।
जानकारी
आज सातवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं नीतीश
फरवरी में मुख्यमंत्री बनने के बाद नवंबर 2015 में बिहार की 15वीं विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया।
16वी विधानसभा के चुनाव जीतकर नीतीश नवंबर, 2015 में पांचवी बार मुख्यमंत्री बने।
उसके बाद उन्होंने जुलाई 2017 में कांग्रेस का राजद का साथ छोड़ते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके महज 24 घंटे बाद ही वो भाजपा के समर्थन के छठी बार फिर मुख्यमंत्री बने।
इस तरह आज वो कुल सातवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं।
बहिष्कार
महागठबंधन ने किया समारोह का बहिष्कार
बिहार विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
समारोह से पहले पार्टी ने ट्वीट कर कहा था कि बिहार का जनादेश राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ है। NDA के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है।
राजद के साथ-साथ कांग्रेस और महागठबंधन के दूसरे सहयोगियों ने भी इस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
बिहार चुनाव
क्या रहे चुनावों के नतीजे?
बीते 10 नवंबर को आए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में NDA 125 सीटों के साथ सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहा है।
इसमें से 74 सीटें भाजपा ने जीतीं और अब वह बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को महज 43 सीटों से संतोष करना पड़ा है।
75 सीटों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी है। महागठबंधन को कुल 110 सीटें मिली हैं।