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    एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं के संक्रमण से साल 2019 में हुई 12 लाख से अधिक मौतें- अध्ययन

    एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं के संक्रमण से साल 2019 में हुई 12 लाख से अधिक मौतें- अध्ययन
    लेखन भारत शर्मा
    Jan 20, 2022, 02:34 pm 1 मिनट में पढ़ें
    एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं के संक्रमण से साल 2019 में हुई 12 लाख से अधिक मौतें- अध्ययन
    एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं के संक्रमण से साल 2019 में हुई 12 लाख से अधिक मौतें।

    विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए बड़ी संख्या में एंटीबायोटिक्स दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इनके अनुचित इस्तेमाल से बीमारियां पैदा करने वाले जीवाणु (बैक्टीरिया) इन दवाइयों के प्रतिरोधी हो रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हो रही है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार, साल 2019 में दुनियाभर में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं के संक्रमण से 12.70 लाख लोगों की मौतें हुई हैं।

    सांख्यिकीय मॉडलिंग का उपयोग कर लगाया मौतों का अनुमान

    हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, ग्लोबल रिसर्च ऑन एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (GRM) रिपोर्ट में दुनिया के 204 देशों और क्षेत्रों में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के प्रभाव का व्यापक अनुमान लगाने के लिए सांख्यिकीय मॉडलिंग का उपयोग किया गया था। इसके तहत 23 रोगजनकों और 88 रोगजनक-दवा संयोजनों से जुड़ी मौतों का आंकलन किया गया था। इसमें पाया गया कि AMR के कारण 2019 में 12.70 लाख लोगों की मौत हुई है, जो HIV और मलेरिया से भी अधिक है।

    न्यूजबाइट्स प्लस (इंफो)

    एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणु यानी बैक्टीरिया उन्हें कहा जाता है कि जो उनके उपचार के लिए काम ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाओं के अधिक इस्तेमाल में कारण उन दवाइयों के साल्ट के प्रति समायोजित हो जाते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे इन दवाइयों का बैक्टीरिया पर असर होना बंद हो जाता है और मरीज उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता है। ऐसे में संक्रमण के अधिक दिनों तक रहने से उपचार के बाद भी मरीज की मौत हो जाती है।

    उपचार योग्य बीमारियों से भी हो रही है लोगों की मौतें

    204 देशों और क्षेत्रों को कवर करने वाले इस विश्लेषण में पाया गया कि AMR अब दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण बन गया है। लाखों मौतें अब सामान्य यानी पहले से उपचार योग्य संक्रमणों के कारण ही हो रही है। इनमें सांस की परेशानी और रक्तप्रवाह संक्रमण भी शामिल है। इसका कारण है कि अब इन बीमारियों को पैदा करने वाले बैक्टीरिया उन्हें खत्म करने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी बन गए हैं।

    अध्ययन में AMR से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने के दिए गए हैं सुझाव

    अध्ययन की रिपोर्ट में AMR से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने के सुझाव दिए गए हैं। इसी तरह नीति निर्माताओं के लिए तत्काल कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की गई है जो लोगों की जान बचाने और स्वास्थ्य प्रणालियों की रक्षा में मदद करेगी। इनमें मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल को अनुकूलित करना, संक्रमणों की निगरानी और नियंत्रण के लिए अधिक से अधिक कार्रवाई करना और नए एंटीबायोटिक्स और उपचार विकसित करने के लिए अधिक धन उपलब्ध कराना शामिल है।

    अध्ययन है बढ़ते खतरे का स्पष्ट संकेत- मर्रे

    अध्ययन के सह लेखक और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के प्रोफेसर क्रिस मर्रे ने कहा, "यह नया डाटा दुनिया भर में AMR के वास्तविक खतरे को प्रकट करता हैं और एक स्पष्ट संकेत हैं कि हमें खतरे से निपटने के लिए अभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।" उन्होंने कहा, "यदि हम AMR के खिलाफ लड़ाई में आगे रहना चाहते हैं, तो हमें इस डाटा पर आवश्यक कार्रवाई और नवाचार करने की आवश्यकता है।"

    "अध्ययन में गलत साबित हुए पिछले अनुमान"

    मर्रे ने कहा, "पिछले अनुमानों में AMR के कारण 2050 तक प्रति वर्ष एक करोड़ लोगों की मौतों की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन अब साफ है कि हम पहले ही उस अनुमान करीब पहुंच गए हैं। ऐसे में हमे कदम उठाने होंगे।"

    अध्ययन में दो तरह से लगाया गया है मौतों का अनुमान

    अध्ययन में दो तरह से मौतों का अनुमान लगाया गया है। पहला AMR से सीधे तौर पर होने वाली मौतें और दूसरा AMR से संभावित मौतें। 2019 में 12.70 लाख लोगों की मौतें सीधे AMR के कारण हुई थी और 49.50 लाख मौतों से इसका संबंध हो सकता है। इसके उलट दुनिया में 2019 में HIV एड्स से 8.60 लाख और मलेरिया से 6.40 लाख लोगों की मौतें हुई थी। ऐसे में वर्तमान में AMR बड़ा खतरा बन गया है।

    निमोनिया के कारण हुई सबसे अधिक मौतें

    अध्ययन के अनुसार, 2019 में AMR के कारण सबसे अधिक चार लाख मौतें निमोनिया से हुई और 15 लाख मौतों में भी AMR के जुड़े होने की संभावना है। इसी तरह सीधे AMR के कारण रक्त प्रवाह संक्रमण से 3.70 लाख मौतें हुई और 15 लाख अन्य मौतों से इसके जुड़े होने की आशंका है। इसी तरह AMR से पेट के संक्रमण के कारण सीधे तौर पर 2.10 लाख मौतें हुई और आठ लाख मौतों में भी इसकी संभावना है।

    छोटे बच्चों में सबसे अधिक मिला है AMR का खतरा

    अध्ययन के अनुसार, AMR वैसे तो सभी उम्र के लोगों के लिए खतरा है, लेकिन बच्चों में इसका जोखिम सबसे अधिक है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में AMR से होने वाली मौतों का आंकड़ा प्रत्येक पांच में से एक मौत का है।

    सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में सबसे अधिक मौतें

    अध्ययन के अनुसार, AMR के कारण सीधे तौर पर सबसे अधिक मौतें सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रिकॉर्ड की गई है। सहारा अफ्रीका में प्रत्येक एक लाख की आबादी पर 24 और दक्षिण एशिया में 22 लोगों की मौतें AMR के कारण हुई है। इसी तरह सहारा अफ्रीका में 99 मौतें और दक्षिण एशिया की 77 अन्य मौतों में भी AMR की संभावना है। उच्च आय वाले देशों में यह संख्या एक लाख आबादी पर 13 मौत की है।

    इन छह बैक्टीरिया के कारण हुई सबसे अधिक मौतें

    अध्ययन के अनुसार, ई कोलाई, एस ऑरियस, के न्यूमोनिया, एस न्यूमोनिया, ए बॉमनी और पी एरुगिनोसा बैक्टीरिया के दवा के लिए प्रतिरोधी होने से सबसे अधिक 9.29 लाख मौतें हुई है। इसी तरह एंटीबायोटिक दवा मेथिसिलिन-एस ऑरियस के संयोजन से एक लाख मौतें हुई है।

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