दिल्ली दंगों में पहली सजा, लूट और आगजनी के दोषी को पांच साल की कैद
दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने गुरुवार को दिल्ली दंगों के मामले में पहली सजा का ऐलान किया है। अदालत ने लूट और आगजनी के मामले में दोषी करार दिए गए दिनेश यादव को पांच साल की सजा सुनाई है। दिनेश यादव को गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने और दंगों के मामले में दोषी करार दिया था। उस पर एक 73 वर्षीय महिला के घर में लूट और आगजनी का आरोप था। आइये पूरी खबर जानते हैं।
क्या था मामला?
NDTV के अनुसार, अभियोजन पक्ष का तर्क था कि यादव 'दंगाई भीड़ का सक्रिय सदस्य' था और उसने गोकुलपुरी के पास भागीरथी विहार में एक महिला के घर में लूट और आगजनी करने में भूमिका निभाई थी। बुजुर्ग महिला का नाम मनोरी है और उन्होंने बताया कि दंगों के दौरान 150 से 200 लोगों की भीड़ ने उनके घर पर हमला किया था। परिवार को भागकर जान बचानी पड़ी और पीछे से भीड़ ने घर को लूट लिया।
दो पुलिसकर्मियों के बयान को माना गया अहम
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दो पुलिसकर्मियों के बयान को अहम माना था। पुलिसकर्मियों ने अदालत को बताया था कि दिनेश महिला के घर पर हमला करने वाली भीड़ में शामिल था, लेकिन उसे घर में आगजनी करते हुए नहीं देखा गया। इस पर अदालत ने कहा कि दिनेश के भीड़ में शामिल होने का मतलब है कि वह भी इस घटना के लिए असल में आगजनी करने वाले लोगों के बराबर जिम्मेदार है।
दूसरे मामले में छह आरोपियों को मिली जमानत
बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दंगों से ही जुड़े हत्या के एक मामले में छह आरोपियों को जमानत दी थी। अभियोजन पक्ष का कहना था कि फरवरी, 2020 में दंगों के दौरान कुछ लोगों ने गोकुलपुरी में एक दुकान में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया था। इसमें 22 वर्षीय दलबीर नेगी की मौत हुई थी। इस मामले को लेकर गोकुलपुरी पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई थी।
जांच पर असंतोष व्यक्त कर चुकी है अदालत
बीते साल अगस्त में दिल्ली के एक अदालत ने दंगों से संबंधित कई मामलों की जांच को बेहद खराब बताते हुए पुलिस कमिश्नर को मामले में दखल देने को कहा था। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि ज्यादातर मामलों में जांच अधिकारी अदालत ही नहीं आते। आधी-अधूरी चार्टशीट दाखिल करने के बाद पुलिस जांच को निष्कर्ष तक ले जाने की कोशिश नहीं करती, जिसके कारण आरोपी जेलों में पड़े रहते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में फरवरी,2020 के बीच लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था। दंगों में संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था। दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।