गृह मंत्रालय ने 5 NGO का विदेशी फंडिंग का लाइसेंस रद्द किया, जानें कारण
क्या है खबर?
गृह मंत्रालय ने 5 गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मंत्रालय ने इन 5 NGO का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इन NGO में CNI सिनोडिकल बोर्ड ऑफ सोशल सर्विस (CNI-SBSS), वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (VHAI), इंडो-ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी (IGSSS), चर्च ऑक्जिलरी फॉर सोशल एक्शन (CASA) और इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया (EFOI) शामिल हैं।
इन NGO पर विदेशी फंड के दुरुपयोग समेत कई आरोप लगाए गए हैं।
कार्रवाई
30 मार्च को हुई कार्रवाई
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, यह कार्रवाई मंत्रालय द्वारा 31 मार्च तक की गई जांच के बाद की गई है। इनमें से कई NGO पर धर्म परिवर्तन और जमीन हड़पने के आरोप लगे थे।
मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में कई NGO के FCRA लाइसेंस की अवधि 6 महीने तक बढ़ा दी थी, लेकिन 30 मार्च को इन्हें रद्द कर दिया गया।
अब लाइसेंस नवीनीकृत होने तक ये NGO विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे।
CASA
क्यों रद्द हुआ CASA का लाइसेंस?
आजादी के समय नेशनल काउंसिल ऑफ चर्च (NCC) ने रिलीफ कमेटी का गठन किया था, जो आगे चलकर CASA बन गया।
रिपोर्ट के अनुसार, CASA को जर्मनी, अमेरिका और स्वीडन सहित विभिन्न देशों से विदेशी दान प्राप्त हुआ था। NGO के FCRA योगदान विवरण के अनुसार, उसे अप्रैल से जून, 2023 तक 9.63 करोड़ रुपये विदेश से मिले थे।
इसके अलावा EFOI का लाइसेंस रद्द करने की वजह FCRA नियमों का पालन नहीं करना बताया जा रहा है।
CNI-SBSS
CNI-SBSS पर क्यों हुई कार्रवाई?
दरअसल, CNI-SBSS चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (CNI) का एक सहयोगी संगठन है। CNI उत्तर भारत में चर्च का नियंत्रण करने वाली संस्था है।
CNI पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर थी। ED ने चर्च की संपत्तियों में कथित हेराफेरी के आरोप में पिछले साल CNI के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद CNI का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।
अब इसके सहयोगी संगठन CNI-SBSS के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है।
आरोप
NGO पर विदेशी धन के दुरुपयोग के आरोप
1970 में स्थापित VHAI ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद जैसे संगठनों के साथ मिलकर काम किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस NGO को अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों से विदेशी अनुदान प्राप्त हुआ है। ये NGO गुजरात के भुज भूकंप, ओडिशा के सुपर चक्रवात और कोरोना वायरस महामारी के दौरान सक्रिय रही।
IGSSS को जर्मनी, ब्रिटेन और सिंगापुर से विदेशी धन प्राप्त हो रहा था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
FCRA कानून को 1976 में आपातकाल के दौरान बनाया गया था। सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े स्वंयसेवी संगठनों को इस कानून के तहत रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है।
इसके तहत NGO को विदेशी फंडिंग के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है। इस कानून का उद्देश्य NGO को मिल रही विदेशी फंडिंग पर नजर रखना है। साथ ही ये सुनिश्चित करना कि फंडिंग जिस उद्देश्य के लिए मिली है, उसका इस्तेमाल उसी काम में हो रहा है या नहीं।