अलवर की बीफ मंडी का मामला क्या है, जहां हर महीने कटती थीं 600 गायें?
क्या है खबर?
राजस्थान के अलवर के बीफ मंडी से जुड़े खुलासे से देशभर में हड़कंप मच गया है।
अलवर के खैरथल तिजारा जिले के किशनगढ़बास इलाके में स्थित बीफ मंडी और खुलेआम गोकशी के सबूत मिलने के बाद राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके अलावा कई बड़े पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा भी मौके पर पहुंचे और कहा है कि गौमाता के हत्यारों को नहीं बाख्शा जाएगा।
मामला
क्या है मामला और कैसे आया सामने?
दरअसल, बिरसंगपुर गांव के पास गिदावदा और बलरामपुर गांव के बीहड़ों में दिनदहाड़े गोकशी होती थी।
एक अखबार में किशनगढ़बास थाना क्षेत्र में स्थित इस मंडी की तस्वीरें सामने आईं तो राज्य सरकार हरकत में आ गई।
इसके बाद जयपुर के पुलिस महानिरीक्षक (IG) उमेश चंद्र दत्ता के नेतृत्व में पूरे इलाके में छापेमारी की गई और तलाशी अभियान के दौरान गौहत्या के साक्ष्य मिले और गौमांस के अवशेष भी मिले।
बिरसंगपुर गांव में भी छापेमारी की गई।
गायें
हर दिन काटीं जाती थीं 600 गायें
हिंदुस्तान लाइव की रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां हर महीने 600 गायें काटीं जाती थीं और बड़ी संख्या में लोग यहां मांस खरीदने पहुंचते थे। इसके अलावा मेवात के करीब 50 गांवों में होम डिलीवरी की भी सुविधा थी।
इस इलाके में बीफ की बिरयानी भी बेची जाती थी। कई तो मांस और खाल बेचकर महीने की 4 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे थे।
आरोप है कि किशनगढ़बास थाने के पुलिसकर्मियों की इसकी पूरी जानकारी थी।
कार्रवाई
पुलिस की कार्रवाई से डरकर भागे गांव के सभी पुरुष
बड़े पैमाने पर जब तलाशी अभियान चला तो बिरसंगपुर गांव के सभी पुरुष गांव छोड़कर ही भाग गए। गांव में केवल महिलायें, बच्चे और बिस्तर पर पड़े बुजुर्ग मिले।
हालांकि, पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरे प्रयास कर रही है और आसपास के इलाकों में उनकी तलाश कर रही है।
इस दौरान पुलिस ने एक लड़के और 2 बुजुर्ग लोगों से इस मामले को लेकर गहन पूछताछ की है।
पुलिसकर्मी
पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुई कार्रवाई
IG दत्ता ने पूरे इलाके का निरीक्षण करने के साथ-साथ ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में पुलिसकर्मियों पर भी बड़ी कार्रवाई की।
IG ने निष्पक्ष जांच के लिए किशनगढ़बास थाने के SHO दिनेश मीणा समेत 38 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर बड़ी कार्रवाई की है।
इस मामले की जांच में संलिप्त पाए जाने के बाद 4 पुलिसकर्मियों, सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (ASI) ज्ञान चंद, हेड कांस्टेबल रघुवीर, बीट कांस्टेबल स्वयं प्रकाश और रविकांत को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी
मामले की जांच की जिम्मेदारी किसे सौंपी गई?
इस मामले की जांच की जिम्मेदारी कोटपूतली बहरोड़ जिले के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) नेमीचंद को सौंपी गई है, वहीं तलाशी अभियान खैरथल तिजारा, बहरोड़ कोटपूतली, भिवाड़ी के ASP के नेतृत्व में चलाया गया था।
कानून
राजस्थान में गौहत्या को लेकर क्या कानून है?
राजस्थान में राजस्थान बोविन ऐनिमल ऐक्ट 1995 के तहत गौहत्या और गौमांस रखने पर 3-10 साल की जेल और 10,000 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। साल 2017 में इसमें संशोधन किया गया था।
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत कुछ ऐसे प्रावधान है जिसके तहत पशुओं पर अत्याचार करने या उन्हें जान से मारने पर 5 साल तक की जेल का प्रावधान है।