केरलः कार खरीदने के कारण निष्कासित की गईं नन, अब रोम से मांग रही न्याय
इस महीने की शुरुआत में केरल में एक नन लूसी कलाप्पुरा को अनुशासनात्मक आधार पर फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रेगेशन (FCC) ने बाहर कर दिया था। यानी अब वो नन नहीं रही हैं। लूसी ने इस फैसले के खिलाफ रोम के कैथोलिक चर्च में अपील की है। वायनाड में रहने वालीं लूसी ने आरोप लगाया कि उन्हें अनुशासनात्मक आधार पर नहीं बल्कि नन रेप केस में पीड़िता के समर्थन में प्रदर्शन करने के कारण बाहर किया गया है।
अदालत जाने का विचार कर रही लूसी
NDTV से बात करते हुए लूसी ने बताया, "मैं बहुत डरी हुई हूं। वो धीरे-धीरे कर मुझे मार रहे हैं, मेरी खुशियां छीन रहे हैं। मेरे सहयोगी आपस में बात करते रहते हैं और मुझे अकेला छोड़ दिया गया है। वो मुझे खाने या दूसरी चीजों के लिए भी नहीं पूछ रहे। मेरी लिए यह बहुत मुश्किल हो रहा है।" लूसी ने कहा कि वो इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगी।
लूसी को मिला था चेतावनी पत्र
FCC ने लूसी को चेतावनी पत्र जारी कर बाहर कर दिया था। इस पत्र में लूसी पर ड्रेस कोड के उल्लंघन, कार खरीदने, अपने बड़े पदाधिकारियों की बात नहीं मानने, किताब छापकर और म्यूजिक सीडी पेश कर पैसे के लेनदेन में शामिल होने, अपनी तनख्वाह कॉन्वेंट को न देने और मीडिया के सामने आने की बात कही गई है। इसके जवाब में लूसी ने कहा कि उनकी कार को उनकी प्रतिज्ञा के खिलाफ नहीं माना जाना चाहिए।
यह है FCC का पक्ष
FCC के सुपीरियर जनरल एन जोसेफ ने एक पत्र लिखकर कहा कि लूसी ने FCC के नियमों का उल्लंघन किया है। इस पर उन्होंने न तो संतोषजनक जवाब दिया और न ही अपनी गलतियों पर पछतावा किया। इससे पहले मई में जनरल काउंसिल की बैठक में वोटिंग द्वारा लूसी को हटाया गया था। बैठक के इस फैसले को वैटिकन ने स्वीकृति देते हुए लूसी को नन के पद से हटाने को कहा था।
लूसी ने कहा- न्याय की मांग करने की मिली सजा
लूसी ने कहा कि उन्हें बाहर करने की असली वजह रेप पीड़िता के समर्थन में प्रदर्शन करना है। दरअसल, जालंधर के बिशप फ्रैंको मुक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन के साथ 13 बार रेप करने का आरोप लगा था। लूसी ने कहा कि कॉन्ग्रेगेशन उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बना रही है क्योंकि उन्होंने फ्रैंको के खिलाफ आवाज उठाई और न्याय की लड़ाई लड़ रही पीड़ित नन का समर्थन किया था।
क्या था केरल नन रेप केस?
जालंधर डायोसिस के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर रेप और उत्पीड़न के आरोप लगे थे। एक नन ने आरोप लगाए कि मुलक्कल ने उसके साथ 13 बार रेप किया। यह घटना जालंधर डायोसीस द्वारा कोट्टयम में संचालित कॉन्वेंट में बिशप के दौरे के दौरान हुई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि चर्च अधिकारियों ने उसकी शिकायतों पर बिशप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। पिछले साल सितंबर में गिरफ्तारी के बाद आरोपी को जमानत मिली थी।
कोट्टयम की अदालत में चल रही मामले की सुनवाई
आरोपी फ्रैंको जब जमानत पर बाहर आए तो फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया गया था। अभी जमानत पर बाहर फ्रैंको के खिलाफ कोट्टयम की एक अदालत में सुनवाई चल रही है।