
जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी हुर्रियत से अलग हुए 3 संगठन, अमित शाह ने दी जानकारी
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि जम्मू-कश्मीर के 3 और संगठनों ने खुद को हुर्रियत से अलग कर लिया है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी में लोगों के भारत के संविधान में विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है।'
सफलता
अब तक अलग हुए 11 संगठन- शाह
शाह ने आगे लिखा, 'मोदी जी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और इसके लिए अटूट समर्थन की घोषणा की है।'
हुर्रियत से अलग होने वालों में जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी के प्रमुख मोहम्मद यूसुफ नकाश, मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग के प्रमुख हकीम अब्दुल रशीद और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट के प्रमुख बशीर अहमद अंद्राबी शामिल हैं।
संगठन
1993 में हुआ था हुर्रियत का गठन
जम्मू-कश्मीर में ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस का गठन 1993 में हुआ था। ये वो दौर था, जब कश्मीर में उग्रवाद चरम पर था।
कांफ्रेंस हमेशा से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर कश्मीर मुद्दे को हल करने की बात कहता रहा है।
अपने गठन के बाद कई साल तक इसका प्रभाव था और 20 से अधिक अलग-अलग वर्गों के संगठन इससे जुड़ रहे थे, लेकिन अब इसका असर कम हो रहा है।