जम्मू-कश्मीर के बधाल में रहस्यमयी बीमारी से 17 मौतें, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में अज्ञात रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
गांव में बीतें 44 दिनों में 17 लोगों की मौत हो गई है, जिनका कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
बिगड़ते हालात के बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है और प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।
जोन
गांव में 3 तरह के कंटेनमेंट जोन बनाए गए
दैनिक भास्कर के मुताबिक, गांव में 3 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। पहले जोन में मृतकों के घरों को सील कर सभी का प्रवेश बंद किया गया है।
दूसरे जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया है।
तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है। यहां लगातार गांववालों के खान-पान की निगरानी की जा रही है।
मौत
एक ही परिवार के 8 सदस्यों की मौत
गांव में पिछले साल 7 दिसंबर को एक साथ 5 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से 19 जनवरी तक 17 लोगों की मौत हो गई है।
चौंकाने वाली बात है कि सभी मृतक गांव के ही 3 परिवारों से हैं। गांव के मोहम्मद असलम ने अपने पूरे परिवार को खो दिया है। उनके माता-पिता समेत सभी 6 बच्चों को बीमारी ने लील दिया है।
आखिरी मौत 19 जनवरी को यास्मीन नामक एक नाबालिग लड़की की हुई थी।
खाना-पीना
खुद से कुछ नहीं खा-पी सकेंगे गांव के लोग
राजौरी के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट राजीव कुमार खजूरिया के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सभी जोन में रहने वाले लोगों के लिए भोजन-पानी की निगरानी के लिए कर्मयारियों की तैनाती की गई है।
आदेश में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के परिवारों को प्रशासन द्वारा दिया गया भोजन और पानी ही इस्तेमाल करना होगा और घर में मौजूद कोई भी खाद्य पदार्थ का सेवन करना प्रतिबंधित होगा।
घरों में रखे सभी खाद्य पदार्थ भी जब्त कर लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने किया दौरा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 21 जनवरी को प्रभावित गांव का दौरा किया। उन्होंने 8 लोगों को खोने वाले मोहम्मद असलम से भी मुलाकात की।
उमर ने कहा, "मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये नहीं फैले।"