कोलकाता मामला: CBI ने सजा को चुनौती देने वाली बंगाल सरकार की याचिका का किया विरोध
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया था।
अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राज्य सरकार की इस याचिका का विरोध किया है। CBI ने कहा है कि सजा को चुनौती देने का अधिकार केवल अभियोजन एजेंसी के पास ही है और राज्य इस मामले में अपील दायर नहीं कर सकता।
CBI
CBI ने क्या कहा?
कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
इस दौरान CBI ने कहा, "केवल अभियोजन एजेंसी ही अपर्याप्तता के आधार पर सजा को चुनौती दे सकती है। चूंकि मामले की जांच CBI द्वारा की जा चुकी है, इसलिए राज्य इस मामले में अपील दायर नहीं कर सकता। मामले में केवल अभियोजन एजेंसी को ही सजा को चुनौती देने का अधिकार है।"
सरकार
सरकार ने कोर्ट में क्या दलील दी?
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता ने CBI के दावे का खंडन करते हुए कहा कि मामले में प्रारंभिक FIR राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी और मामला बाद में CBI को सौंपा गया था।
महाधिवक्ता ने दलील दी कि कानून और व्यवस्था राज्य के अधिकार क्षेत्र में है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि वो फैसला लेने से पहले CBI, पीड़ित परिवार और संजय रॉय की दलीलों पर विचार करेगी।
सवाल
ममता बनर्जी ने फैसले पर उठाए सवाल
फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, "मैं संतुष्ट नहीं हूं। अदालत ने मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा दी है। यह मामला हमसे जबरन छीन लिया गया। अगर यह कोलकाता पुलिस के पास होता तो हम यह सुनिश्चित करते कि आरोपी को हर कीमत पर मौत की सजा मिले। फैसला यह कैसे कहता है कि यह 'दुर्लभ से दुर्लभतम' मामला नहीं है। मैं कहती हूं कि यह दुर्लभ और जघन्य है।"
सजा
आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा
कोलकाता मामले के आरोपी संजय रॉय को सियालदेह कोर्ट ने डॉक्टर के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने मामले को दुर्लभतम अपराध नहीं मानते हुए मृत्युदंड की मांग को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने संजय को 50,000 रुपये का जुर्माना भरने और राज्य सरकार को मृत डॉक्टर के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।
मामला
क्या है मामला?
पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले बलात्कार की पुष्टि हुई थी।
शुरुआत में मामले की जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच अपने हाथ में ले ली।
पुलिस ने अस्पताल में बतौर नागरिक स्वयंसेवक काम करने वाले संजय को गिरफ्तार किया था।