
इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन का 84 वर्ष की उम्र में बेंगलुरु में निधन
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख 84 वर्षीय के कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में निधन हो गया। उन्होंने सुबह 10:30 बजे अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
कस्तूरीरंगन केंद्र की महत्वाकांक्षी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के मसौदा समिति के अध्यक्ष भी थे। उनके निधन पर तमाम नेताओं ने दुख प्रकट किया है।
कस्तूरीरंगन का पार्थिव शरीर रविवार 27 अप्रैल को जनता के अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) में रखा जाएगा।
निधन
9 साल से अधिक समय तक किया था इसरो का नेतृत्व
कस्तूरीरंगन ने 9 साल से ज़्यादा समय तक इसरो, अंतरिक्ष आयोग और अंतरिक्ष विभाग का नेतृत्व किया था। वे 27 अगस्त, 2003 को पद छोड़ दिया था।
इसरो से हटने से बाद उन्होंने अप्रैल 2004 से 2009 तक बेंगलुरू में राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान के निदेशक के रूप में भी कार्य किया था।
कस्तूरीरंगन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष भी रहे थे। वे राज्यसभा के सदस्य और योजना आयोग के सदस्य भी थे।
उपलब्धि
क्या है उपलब्धि?
उन्होंने इसरो सैटेलाइट सेंटर के निदेशक के रूप में कार्य किया, जहां वे इनसैट-2, IRS-1ए/1बी और वैज्ञानिक उपग्रहों के विकास में शामिल थे।
कस्तूरीरंगन भारत के पहले पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों, भास्कर I और II के लिए परियोजना निदेशक थे। उन्होंने PSLV और GSLV लॉन्च की देखरेख की थी।
उनके कार्यों के लिए उन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
उन्होंने ब्रह्मांडीय एक्स-रे स्रोतों, आकाशीय गामा किरणों और पृथ्वी के वायुमंडल पर उनके प्रभावों का अध्ययन किया।