बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस की अनोखी पहल, ट्रैफिक उल्लंघन रोकने के लिए तैनात किए पुलिसकर्मियों के पुतले
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर रोक लगाने के लिए बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस ने एक अनोखी पहल शुरू की है। ट्रैफिक पुलिस ने पूरे शहर में ट्रैफिक पुलिस जवानों की तरह दिखने वाले लगभग 200 पुतले तैनात किए हैं। इन पुतलों को ट्रैफिक पुलिस जैसी वर्दी पहनाई गई है। पुलिस को उम्मीद है कि इन पुतलों की वजह से लोग रेड लाइट तोड़ने, अधिक स्पीड में गाड़ी चलाने और हेलमेट न पहनने जैसे नियमों का उल्लंघन करने में डरेंगे।
ट्रैफिक पुलिस अतिरिक्त कमिश्नर ने बताया क्यों लगाए गए पुतले
अपनी इस पहल के संबंध में 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त कमिश्नर बीआर रविकांते गौड़ा ने कहा, "मैंने देखा है कि किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी को देखने के बाद लोग नियमों का पालन करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "उदाहरण के तौर पर अगर किसी ड्राइवर को सिग्नल के पास कोई ट्रैफिक वाला दिखता है तो वो अपनी सीट बेल्ट लगा लेता है। इसी व्यवहार के कारण हमने शहर में पुतले लगाए हैं।"
30 से बढ़ाकर 200 की गई पुतलों की संख्या
पुतलों को पहचानकर लोगों के पहले की तरह व्यवहार करने के सवाल के जवाब में गौड़ा ने कहा, "पुतलों को नियमित तौर पर दूसरी सड़कों पर शिफ्ट किया जाएगा और उन्हें समय-समय पर असली पुलिसवालों से भी बदला जाएगा।" उन्होंने बताया कि ट्रायल के दौरान ऐसे 30 पुतले लगाए गए थे जिनकी संख्या बुधवार को 200 कर दी गई है। इन्हें असली ट्रैफिक पुलिसकर्मियों जैसा दिखाने के लिए उन्हें पुलिस की वर्दी, जैकेट, जूते, टोपी और मास्क पहनाए गए हैं।
विशेषज्ञ बोले, पुतलों से नहीं मिलेगी कोई मदद
इस बीच शहरी परिवहन विशेषज्ञ और कर्नाटक सरकार में टैफिक मामलों के सलाहकार के तौर पर काम कर चुके एमएन श्रीहरि ने बेंगलुरू पुलिस की इस पहल की सफलता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि इससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघनों में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा, "पुलिस को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और नियमों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियमित तौर पर अभियान चलाना चाहिए। पुतलों से कोई मदद नहीं मिलेगी।"
श्रीहरि ने कहा, शहर को अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की आवश्यकता
श्रीहरि ने कहा कि बेंगलुरू में बढ़ते ट्रैफिक से निपटने के लिए पुतलों की नहीं बल्कि अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की जरूरत है। इस तरफ ध्यान खींचते हुए उन्होंने कहा, "बेंगलुरू में बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए उन्हें और पुलिसकर्मियों की भर्ती की जरूरत है। वाहनों और पुलिसकर्मियों का सही अनुपात होना जरूरी है। अभी शहर को 7000 कर्मियों की जरूरत है लेकिन शहर में केवल 5000 ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं।"
बेंगलुरू में हैं कुल 82.53 लाख वाहन
कर्नाटक परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2019 में बेंगलुरू में करीब 82.53 लाख वाहन पंजीकृत हैं। इनमें से 57.3 लाख दोपहिया हैं जबकि 15.72 चौपहिया हैं। इन आंकड़ों में तेजी से वृद्धि हो रही है और ट्रैफिक एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है।