स्वास्थ्य मंत्रालय ने 100 से ज्यादा दवाओं को प्रतिबंधित किया, जानिए कौन-कौनसी शामिल
क्या है खबर?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर 100 दवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें कई सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी-खासी में काम आने वाली दवाएं भी शामिल हैं।
मंत्रालय ने 12 अगस्त को अधिसूचना जारी कर बताया कि 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) वाली दवाएं इंसानों के लिए हानिकारक है। हालांकि, इसके कई सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं।
दवाओं को एक बोर्ड की जांच के बाद प्रतिबंधित किया गया है।
प्रतिबंध
किन-किन दवाओं पर लगा प्रतिबंध?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एसिक्लोफेनाक 50 मिलीग्राम+ पैरासिटामोल 125 मिलीग्राम टैबलेट पर प्रतिबंध लगाया है।
प्रतिबंधित दवाओं में मैफेनैमिक एसिड+ पैरासिटामोल इंजेक्शन, सिटीरिजिन एचसीएल+ पैरासिटामोल+फिनाइलफ्राइन एचसीएल, लेवोसेटिरिजिन+ फेनिलफ्राइन एचसीएल+ पैरासिटामोल+ क्लोरफेनिरामाइन मैलेट+ फिनाइल प्रोफेनॉलमाइन और कैमिलोफिन डाइह्राइड्रोक्लोराइड 25 मिलीग्राम+ पैरासिटामोल 300 मिलीग्राम भी शामिल है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) ने भी FDC की जांच में पाया था कि इनका कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है और मनुष्यों के लिए खतरा पैदा करने वाली हैं।
असर
प्रमुख ब्रांडों पर पड़ेगा असर
दिप्रिंट के मुताबिक, प्रतिबंध से फार्मा की दिग्गज कंपनियों जैसे सिप्ला, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, सन फार्मास्यूटिकल्स, टोरेंट और अल्केम आदि पर असर पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, FDC वैसे तो भारतीय बाजार में 1980 के दशक में आना शुरू हुआ था, लेकिन 2012 में एक संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा सार्वजनिक हुआ।
मामले को लेकर एक समिति भी बनी थी, जिसकी सिफारिश पर 2018 में 344 FDC पर प्रतिबंध लगाया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था।