शिक्षा मंत्री बोले- छात्रों और अभिभावकों ने ही डाला था JEE और NEET कराने का दबाव
क्या है खबर?
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कोरोना वायरस महामारी के बावजूद जॉइंट एंट्रेस एग्जाम (JEE) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) कराने के केंद्र सरकार के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि छात्रों और उनके अभिभावकों ने ही उन पर टेस्ट कराने का दबाव डाला था और वे चाहते थे कि ये टेस्ट हों।
बता दें कि JEE और NEET अगले महीने होने हैं और कई छात्र इन्हें टालने की मांग कर रहे हैं।
बयान
पोखरियाल बोले- छात्रों की सुरक्षा पहले, शिक्षा बाद में
'DD न्यूूज' के साथ इंटरव्यू में पोखरियाल ने कहा, "अभिभावक और छात्र हम पर लगातार दबाव बना रहे थे और पूछ रहे थे कि हम JEE और NEET क्यों नहीं करा रहे। छात्र बेहद चिंतित थे। वे सोच रहे थे कि आखिर कब तक वे तैयारी ही करते रहेंगे?... JEE के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले 8.58 छात्रों में से 7.25 लाख अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर चुके हैं। हम छात्रों के साथ हैं। उनकी सुरक्षा पहले है, शिक्षा बाद में।"
पृष्ठभूमि
महामारी के कारण दो बार टाले जा चुके हैं JEE और NEET
बता दें कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में दाखिले के लिए JEE और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए NEET कराया जाता है। ये परीक्षाएं आमतौर पर मई महीने में होती हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण दो बार टाला जा चुका है।
पहले इन्हें मई से हटाकर जुलाई और फिर जुलाई से हटाकर सितंबर में कर दिया गया। अब JEE की परीक्षा 1 से 6 सितंबर और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है।
मांग
हो रही फिर से परीक्षाएं टालने की मांग
हालांकि देश में कोरोना वायरस के मामले अभी भी कम नहीं हुए हैं और इस कारण छात्रों से लेकर विपक्षी नेताओं तक, सभी JEE और NEET को फिर से टालने की मांग कर रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आवाज उठाने वाली अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी ट्वीट कर परीक्षाएं टालने की मांगों का समर्थन किया है। वहीं आज होने जा रहे विपक्षी पार्टियों की एक बड़ी बैठक में भी सरकार से इसकी मांग की जा सकती है।
सुरक्षा
छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
सरकार अभी तक इन मांगों के आगे झुकी नहीं है, हालांकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं। इनके तहत JEE-मेन्स के परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 और NEET के परीक्षा केंद्रों की संख्या 2,546 से बढ़ाकर 3,843 कर दी गई है।
शिफ्टों की संख्या भी आठ से 12 कर दी गई है, वहीं हर शिफ्ट में परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या 1.32 लाख से घटाकर 85,000 कर दी गई है।
अन्य कदम
एक सीट छोड़कर बैठाए जाएंगे छात्र
इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए JEE-मेन्स में छात्रों को एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा, वहीं NEET में हर कमरे में 24 की जगह 12 छात्र बैठाए जाएंगे।
छात्रों को अलग-अलग समय पर प्रवेश दिया जाएगा और उनके लिए मास्क और दस्ताने पहनना और अपनी पानी की बोतल और हैंड सैनिटाइजर लाना अनिवार्य होगा।
परीक्षा केंद्र में घुसने से पहले उनका तापमान मापा जाएगा और उच्च तापमान वालों के लिए हर केंद्र पर एक आइसोलेशन वार्ड होगा।
डाटा
दोनों परीक्षाओं में 24.50 लाख से अधिक छात्र होंगे सम्मिलित
बता दें कि JEE-मेन्स के लिए 8.58 लाख और NEET के लिए 15.97 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के अनुसार, ये सुनिश्चित किया गया है कि 99 प्रतिशत से अधिक छात्रों को पहली पसंद के शहर में परीक्षा केंद्र मिले।