दिल्ली हाई कोर्ट का छात्रों के स्मार्टफोन उपयोग पर रोक लगाने से इंकार, दिशानिर्देश तय किए
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसा दृष्टिकोण न तो व्यावहारिक है और न ही वांछनीय है।
कोर्ट ने स्मार्टफोन के पूर्ण प्रतिबंध की जगह छात्रों के स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने और निगरानी करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।
दिशानिर्देश में शैक्षिक लाभों और संभावित जोखिमों के बीच संतुलन बनाया गया है।
फैसला
कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि तकनीक शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बन गई है, जिससे स्मार्टफोन पर पूर्ण प्रतिबंध अब सही नहीं।
कोर्ट ने कहा कि स्मार्टफोन छात्रों को अपने माता-पिता से जुड़े रहने, उनकी सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि, अत्यधिक समय तक फोन से चिपके रहना, सोशल मीडिया एक्सपोजर और स्मार्टफोन का दुरुपयोग भी है।
कोर्ट ने पूर्ण प्रतिबंध की जगह गैर-जिम्मेदाराना उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
दिशानिर्देश
हाई कोर्ट ने क्या दिशानिर्देश तय किए?
स्मार्टफोन का जिम्मेदारी से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए हाई कोर्ट ने स्कूल के लिए कुछ प्रमुख सिद्धांत निर्धारित किए हैं, जिसमें कहा गया है कि छात्रों को स्कूल समय के दौरान अपने स्मार्टफोन जमा कर देने चाहिए।
कोर्ट ने कहा है कि स्मार्टफोन का उपयोग कक्षाओं, स्कूल वाहनों या साझा स्थानों पर नहीं किया जाना चाहिए।
स्कूलों को छात्रों को जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार, डिजिटल शिष्टाचार और स्मार्टफोन के नैतिक उपयोग के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
सलाह
छात्रों को साइबर खतरे और स्क्रीन पर अधिक समय बिताने को लेकर आगाह किया जाए
छात्रों को बताया जाना चाहिए कि ज्यादा देर तक स्मार्टफोन से चिपके रहना कितना खतरनाक है, जिससे चिंता, ध्यान में कमी और साइबर खतरें पैदा होते हैं।
कोर्ट ने कहा कि स्मार्टफोन का उपयोग कनेक्टिविटी और सुरक्षा के लिए हो सकता है, लेकिन मनोरंजन के लिए नहीं।
कोर्ट ने कहा कि नीतियां अभिभावकों, शिक्षकों और विशेषज्ञों से सलाह लेकर बनें और स्कूल अपने वातारण के अनुसार नीतियों को लागू करें।
नियमों के उल्लंघन के लिए भी साफ निर्देश होने चाहिए।
याचिका
केंद्रीय विद्यालय ने स्मार्टफोन के उपयोग पर मांगी थी दिशानिर्देश
केंद्रीय विद्यालय ने स्मार्टफोन के उपयोग को लेकर कोर्ट से दिशानिर्देश मांगा था, जिसके बाद कोर्ट ने अपने फैसले में उसकी रूपरेखा बताई है।
कोर्ट ने सुझाव दिया है कि स्कूल जरूरत पड़ने पर स्मार्टफोन जब्त भी कर सकते हैं।
कोर्ट के आदेश की प्रति केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), दिल्ली शिक्षा निदेशालय और केंद्रीय विद्यालय संगठन को भेजी गई है।
संगठनों से दिशानिर्देश जारी करने और स्कूलों में जिम्मेदारी से स्मार्टफोन उपयोग की नीतियां लागू करने को कहा है।