NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / 2005 से पहले पिता की मौत पर भी बेटियों को मिलेगी पैतृक संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी
    अगली खबर
    2005 से पहले पिता की मौत पर भी बेटियों को मिलेगी पैतृक संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी

    2005 से पहले पिता की मौत पर भी बेटियों को मिलेगी पैतृक संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी

    लेखन मुकुल तोमर
    Aug 11, 2020
    02:45 pm

    क्या है खबर?

    सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने एक आदेश में साफ किया कि सितंबर, 2005 में हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम लागू होने से पहले पिता की मौत होने पर भी पैतृक संपत्ति पर बेटियों का बराबर का अधिकार होगा। इसका मतलब 2005 से पहले पैदा हुई सभी बेटियों का अपने पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होगा।

    अब तक इस विषय पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी और मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो विपरीत फैसले थे।

    पृष्ठभूमि

    संशोधन के जरिए बेटियों को दिया गया था पैतृक संपत्ति में बराबर का अधिकार

    9 सितंबर, 2005 को लागू हुए हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम के जरिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में संशोधन करके बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार दिया गया था।

    तब से इस अधिनियम से संबंधित कई मामले सुप्रीम कोर्ट में आ चुके हैं जिनमें कोर्ट साफ कर चुकी है कि 2005 में अधिनियम लागू होने से पहले जन्मी बेटियों का भी पैतृक संपत्ति पर बराबर अधिकार होगा।

    अस्पष्टता

    दो विपरीत आदेशों के कारण थी बेटियों के अधिकार पर अस्पष्टता

    हालांकि पिता की मौत से संबंधित एक मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के दो विपरीत आदेश थे, जिनके कारण बेटियों के अधिकार पर अस्पष्टता बनी हुई थी।

    2015 में प्रकाश बनाम फूलवती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संशोधित अधिनियम के तहत दिए गए अधिकार 9 सितंबर, 2005 को जिंदा पिताओं की जिंदा बेटियों पर लागू हैं। इसका मतलब अगर 9 सितंबर, 2005 से पहले पिता की मौत हो गई है तो बेटी को संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा।

    दूसरा फैसला

    2018 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बेटियों को बेटों वाले सभी अधिकार प्राप्त

    वहीं फरवरी, 2018 में दनम्मा बनाम अमर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2005 का संशोधित अधिनियम बेटियों को पैतृक संपत्ति में वे सभी अधिकार देता है जो बेटों को प्राप्त हैं। इसका मतलब 2005 में अधिनियम लागू होने से पहले पिता की मौत हो गई है तो भी पैतृक संपत्ति पर बेटी का बराबर का अधिकार होगा।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों में अंतर को रेखांकित किया था।

    ताजा फैसला

    अब सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ, बेटियों के पास बेटों वाले सभी अधिकार

    नवंबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एके सीकरी ने मामले में तीन सदस्यीय बेंच द्वारा सुनवाई की जरूरत बताई और इसके बाद से न्यायाधीश अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नजीर और एमआर शाह की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है।

    आज मामले में अपना फैसला सुनाते हुए इस बेंच ने साफ किया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में उत्तराधिकार के वही सब अधिकार प्राप्त हैं जो बेटों को होते हैं।

    आदेश

    शर्तें बेटियों के बराबर के अधिकार के खिलाफ- सुप्रीम कोर्ट

    अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिनियम में संशोधन का मकसद बेटियों को बराबरी प्रदान करना था और ये सभी शर्तें इसमें बाधा हैं। कोर्ट ने साफ किया कि अगर पिता की मौत अधिनियम लागू होने से पहले हो गई है तो भी बेटी को पैतृक संपत्ति में बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी।

    इसके अलावा कोर्ट ने ये भी साफ किया कि 2005 से जन्मी बेटियों का भी संपत्ति पर बराबर का हक होगा।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    सुप्रीम कोर्ट

    ताज़ा खबरें

    भाजपा का कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह को प्रचार अभियान में शामिल करने से इनकार भाजपा समाचार
    बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल किया, चुनाव लड़ने का रास्ता साफ बांग्लादेश
    महिंद्रा की SUV बिक्री में 21 फीसदी की बढ़ोतरी, जानिए कितनी बिकीं  महिंद्रा एंड महिंद्रा
    टाटा को पिछले महीने बिक्री में लगा झटका, जानिए सेल्स रिपोर्ट  टाटा मोटर्स

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अर्णब गोस्वामी की याचिका, CBI को ट्रांसफर नहीं होगी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)
    पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट बोली- पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी नहीं; दिए प्रतिबंध हटाने के आदेश पाकिस्तान समाचार
    अयोध्या: राम जन्मभूमि के परिसर में खंडित मूर्तियां, शिवलिंग और मंदिर के अवशेष मिलने का दावा बाबरी मस्जिद विवाद
    गांगुली और शाह का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची BCCI BCCI
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025