
IBM और गूगल 2030 तक लॉन्च करना चाहती हैं ऑपरेशनल क्वांटम कंप्यूटर
क्या है खबर?
क्वांटम कंप्यूटर बनाने की दशकों पुरानी कोशिश अब तेज हो गई है। IBM ने जून में बड़े पैमाने की मशीन का विस्तृत रोडमैप पेश किया और दावा किया कि वह दशक के अंत तक इसे बना लेगा। गूगल का कहना है कि उसने बड़ी तकनीकी बाधाओं को पार कर लिया है, जबकि अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) का मानना है कि ऐसी मशीनें 15 से 30 साल में ही व्यापक रूप से उपयोगी हो पाएंगी।
काम
क्वांटम कंप्यूटिंग कैसे काम करती है?
क्वांटम कंप्यूटिंग में क्यूबिट्स का इस्तेमाल होता है, जो एक साथ 0 और 1 दोनों स्थितियों में हो सकते हैं। इससे ये कंप्यूटर एक साथ कई संभावनाओं का विश्लेषण कर सकते हैं और जटिल समस्याओं का समाधान पारंपरिक कंप्यूटरों से कहीं तेज दे सकते हैं। यह तकनीक दवाओं की खोज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वित्तीय पूर्वानुमान, धोखाधड़ी पकड़ने और परिवहन, ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में दक्षता बढ़ाने में मदद कर सकती है।
बाधाएं
चुनौतियां और तकनीकी बाधाएं
वर्तमान क्वांटम कंप्यूटर में 200 से कम क्यूबिट्स होते हैं, जबकि पूरी तरह कार्यशील मशीन के लिए 10 लाख से ज्यादा क्यूबिट्स की जरूरत है। क्यूबिट्स बेहद अस्थिर होते हैं और अपनी स्थिति सेकंड के अंश भर ही बनाए रखते हैं। संख्या बढ़ाने पर यह अस्थिरता और बढ़ जाती है। इसके साथ ही, इन सिस्टम को लगभग पूर्ण शून्य तापमान पर रखना पड़ता है, जिसके लिए बड़े और महंगे शीतलन उपकरण जरूरी होते हैं।
खोज
नई तकनीकों की खोज
IBM और गूगल सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स पर काम कर रहे हैं, जिनमें सबसे तेज प्रगति दिख रही है, लेकिन इन्हें नियंत्रित करना कठिन है और भारी शीतलन चाहिए। अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट नए क्यूबिट डिजाइनों और पदार्थ की नई अवस्थाओं पर शोध कर रहे हैं, जो अधिक स्थिर हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कठिनाइयों के बावजूद, औद्योगिक स्तर के क्वांटम कंप्यूटर बनाना संभव है और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।