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क्या असम में एक से ज्यादा शादियों पर लगेगा प्रतिबंध? मुख्यमंत्री ने लोगों से मांगे सुझाव
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लोगों से मांगे सुझाव

क्या असम में एक से ज्यादा शादियों पर लगेगा प्रतिबंध? मुख्यमंत्री ने लोगों से मांगे सुझाव

Aug 21, 2023
06:48 pm

क्या है खबर?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बहुविवाह (एक से अधिक विवाह) पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य सरकार के प्रस्तावित कानून पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। सरमा ने ट्विटर (X) पर असम सरकार के गृह विभाग के एक नोटिस को साझा कर लोगों से अपने सुझाव भेजने की अपील की। गौरतलब है कि सरमा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि राज्य में बहुविवाह को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाएगा।

नोटिस 

मुख्यमंत्री सरमा ने सरकारी नोटिस किया साझा 

मुख्यमंत्री सरमा ने सुझाव मांगते हुए एक सरकारी नोटिस साझा किया, जिसमें लिखा है, 'संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। हालांकि, ये अधिकार पूर्ण नहीं हैं और सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण और सुधार के लिए विधायी प्रावधानों के अधीन है। अदालतों ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा प्राप्त करने के लिए धार्मिक प्रथाएं आवश्यक और धर्म का अभिन्न अंग होनी चाहिए।'

नोटिस 

नोटिस में और क्या कहा गया? 

नोटिस में आगे लिखा है, 'इस्लाम के संबंध में अदालतों ने माना है कि एक से अधिक पत्नियां रखना धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। पत्नियों की संख्या सीमित करने वाला बहुविवाह का कानून धर्म का पालन करने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है और यह सामाजिक कल्याण और सुधार के दायरे में है। इसलिए एक पत्नी का समर्थन करने वाला कानून अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता है।'

समिति 

असम सरकार ने गठित की थी  विशेषज्ञ समिति 

बता दें कि असम सरकार ने बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने के लिए विधायी क्षमता की जांच करने के लिए मई में पूर्व जज रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी। इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सौंप थी, जिसमें दावा किया गया था कि बहुविवाह को समाप्त करने के लिए राज्य अपने स्वयं के कानून बना सकता है।

कानून 

बहुविवाह को लेकर क्या कहता है मौजूदा कानून? 

अगर बहुविवाह की बात करें तो भारत में यह कानूनी अपराध है। हालांकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरियत) एप्लिकेशन एक्ट, 1937 के तहत मुस्लिमों को इससे छूट मिली हुई है। इसमें शादी और उत्तराधिकार जैसे निजी मामलों में मुस्लिमों को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने का अधिकार दिया गया है। इसी कारण मुस्लिम अपने धार्मिक रिवाजों के मुताबिक एक से अधिक विवाह कर सकते हैं।