असम पुलिस ने बरामद की दुबई से चोरी हुई डिएगो माराडोना की घड़ी, आरोपी गिरफ्तार
क्या है खबर?
दुबई से मिली जानकारी के आधार पर असम पुलिस ने दिवंगत फुटबॉलर डिएगो माराडोना की चोरी हुई महंगी घड़ी को बरामद कर लिया है।
इसकी जानकारी देते हुए असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि घड़ी चोरी करने के आरोपी वाजिद हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
उन्होंने कहा कि दुबई पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के जरिये असम पुलिस से संपर्क कर मामले में मदद मांगी थी।
गिरफ्तारी
आरोपी के घर से हुई गिरफ्तारी
सरमा ने ट्वीट कर बताया कि असम पुलिस ने दुबई पुलिस के साथ काम करते हुए महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की हुबोल्ट घड़ी बरामद कर ली है।
वहीं असम के पुलिस महानिरिक्षक ने ट्वीटर पर बताया कि आरोपी ने माराडोना के साइन वाली हुबोल्ट की लिमिटेड एडिशन घड़ी चुराई और असम भाग आया। आज सुबह 4 बजे उसे शिवसागर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से घड़ी भी बरामद कर ली गई है।
जानकारी
सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी दुबई में माराडोना के सामान का सरंक्षण करने वाली एक एजेंसी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था। वहां उसने अपने पिता के बीमार होने का बहाना बनाया और इस साल अगस्त में असम लौट आया था।
इसके बाद दुबई पुलिस ने चोरी से जुड़ी घटना भारत को दी। केंद्रीय एजेंसी की तरफ से इनपुट मिलने के बाद असम पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार कर घड़ी बरामद कर ली।
जानकारी
पिछले साल हुआ था माराडोना का निधन
महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का पिछले वर्ष नवंबर में 60 साल की उम्र में निधन हो गया था। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
उन्होंने 16 साल की उम्र में अर्जेंटिनोस जूनियर के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की और आगे चलकर दुनिया के सबसे महान फुटबॉलरों में अपना नाम दर्ज करवाया।
माराडोना बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नपोली, सेविया और नेवेल्स ओल्ड बॉयज आदि टीमों के लिए खेले और कई टीमों के कोच रहे।
करियर
माराडोना की कप्तानी में अर्जेंटीना ने जीता था विश्व कप खिताब
1986 में अर्जेंटीना को दूसरा विश्व कप खिताब जिताने में मैराडोना की भूमिका काफी अहम रही थी। उनकी कप्तानी में ही अर्जेंटीना ने वेस्ट जर्मनी को फाइनल में हराकर दूसरा खिताब जीता था। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने पांच गोल दागे थे और टूर्नामेंट के दूसरे सबसे अधिक गोल दागने वाले खिलाड़ी रहे थे।
अपने करियर में उन्होंने चार विश्वकप खेले थे।
क्लब करियर में उन्होंने आठ और नेशनल टीम के साथ दो खिताब जीते थे।