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आंध्र प्रदेश: तिरूपति मंदिर में लड्डू विवाद के बीच शुद्धिकरण अनुष्ठान शुरू, जानिए क्या है परंपरा
आंध्र प्रदेश के तिरूपति मंदिर में चल रहा शुद्धिकरण अनुष्ठान (तस्वीर: एक्स/ @GoTirupati)

आंध्र प्रदेश: तिरूपति मंदिर में लड्डू विवाद के बीच शुद्धिकरण अनुष्ठान शुरू, जानिए क्या है परंपरा

लेखन गजेंद्र
Oct 01, 2024
05:07 pm

क्या है खबर?

आंध्र प्रदेश के तिरूपति मंदिर में प्रसादम (लड्डू) विवाद के बीच मंगलवार से शुद्धिकरण अनुष्ठान शुरू हो गया। यह अनुष्ठान पूरे मंदिर परिसर में चलाया गया। इस शुद्धिकरण अनुष्ठान को "कोइल अलवर थिरुमंजनम" कहते हैं, जो साल में 4 बार किया जाने वाला एक पारंपरिक अनुष्ठान है। अनुष्ठान मंदिर में ब्रह्मोत्सव शुरू होने से पहले करते हैं, जिसका उद्देश्य मंदिर को शुद्ध और पवित्र करना है। ब्रह्मोत्सव 4 अक्टूबर को शुरू होकर 14 अक्टूबर को चक्रस्नान के साथ समाप्त होगा।

शुद्धिकरण

जानिए क्या है कोइल अलवर थिरुमंजनम

यह एक वृहद सफाई अनुष्ठान है, जिसे साल में 4 बार उगादि, अनिवरा अस्थानम, वैकुंठ एकादशी और ब्रह्मोत्सवम जैसे प्रमुख त्योहारों से पहले मंदिर साफ और शुद्ध करने के लिए किया जाता है। इस दौरान आनंदनिलयम, बंगारूवाकिली, उप-मंदिर, प्रसादम केंद्र, दीवारें, छत, सजावट और पूजा की सामग्रियों की सफाई होती है। अनुष्ठान के नाम कोइल अलवर थिरुमंजनम में 'कोइल' का अर्थ मंदिर, अलवर का अर्थ भक्त, थिरु का अर्थ पवित्र और मंजनम का अर्थ स्नान है।

सफाई

कैसे होती है गर्भगृह और प्रतिमा की सफाई

इस अनुष्ठान के दौरान श्रीवारी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की मुख्य मूर्ति (जिसे श्रीवारी मूलविरट्टू भी कहते हैं) को सफाई से प्रभावित होने से बचाने के लिए एक पवित्र कपड़े से ढक दिया जाता है। इसके बाद सुगंधित जल को सबसे भीतरी गर्भगृह से लेकर सातवें बरामदे तक छिड़का जाता है, जिसमें 'आनंदनिलयम' के शीर्ष पर वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति भी शामिल है। मंगलवार को भी जल छिड़कने के बाद वस्त्र हटाया गया और विशेष पूजा की गई।

शुद्ध

किस जल से होती है मंदिर की सफाई

शुद्धिकरण अनुष्ठान के दौरान प्रयुक्त सुगंधित जल में विशेष सामग्री मिली होती है, जिसमें कपूर, हल्दी, केसर, चंदन, कुमकुम, तुलसी और अन्य पवित्र फूलों से बना पाउडर शामिल होता है। इस दौरान पूरा मंदिर सुगंधित हो जाता है। तिरुपति तिरुपति देवस्थानम (TTD) यह सुनिश्चित करता है कि ये सभी अनुष्ठान सावधानीपूर्वक आयोजित किए जाएं। कोइल अलवर थिरुमंजनम मंगलवार को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक हुआ। इस दौरान TTD के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे।

विवाद

क्या है तिरूपति मंदिर का लड्डू विवाद?

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लड्डू बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने YSR कांग्रेस सरकार पर प्रसादम की गुणवत्ता से समझौता करने का आरोप लगाया। मामले में गुजरात की एक प्रयोगशाला की भी रिपोर्ट आई, जिसमें घी में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल पाया गया। मामले में राज्य सरकार ने SIT गठित की है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

ट्विटर पोस्ट

तिरूपति मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान