प्रधानमंत्री मोदी के नए विमान में लगा होगा मिसाइल डिफेंस सिस्टम, अगले हफ्ते आएगा भारत
देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए खास तौर पर तैयार किया गया 'एयर इंडिया वन' विमान अगले हफ्ते दिल्ली पहुंच जाएगा। सूत्रों के कहना है कि पहला विमान जहां अगले सप्ताह पहुंच जाएगा, वहीं दूसरा विमान साल के अंत तक भारत में आएगा। इस विमान में अति महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा के लिए तमाम आधुनिक इंतजाम किए गए हैं। इसी साल की शुरुआत में इस विमान की पहली झलक देखी गई थी।
भारतीय वायुसेना करेगी विमान का संचालन
इस विमान में लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर (LAIRCM) मिसाइल डिफेंस सिस्टम, सेल्फ प्रोटेक्शन सुइट (SPS) और आधुनिक कम्युनिकेशन सिस्टम लगा है। इसका संचालन भारतीय वायुसेना करेगी। एयर इंडिया जब इस विमान को वायुसेना के हवाले कर देगी तब इसका कॉल साइन एयर इंडिया वन से बदलकर एयरफोर्स वन हो जाएगा। इसी नाम का विमान अमेरिकी राष्ट्रपति इस्तेमाल करते हैं। एयर इंडिया, वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम अमेरिका में मौजूद है, जो इम विमान को लेकर भारत आएगी।
सफेद रंग का होगा एयर इंडिया वन
बाहर से यह विमान पूरी तरह सफेद होगा, जिस पर तिरंगे को दर्शाती तीन पट्टियां बनी हुई हैं। विमान पर भारत और इंडिया लिखा गया है। वहीं इसकी टेल पर तिरंगा बनाया गया है। अभी तक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए बोइंग 747 को इस्तेमाल होता है। इसकी बाहरी साज-सज्जा एयर इंडिया के विमानों जैसी है। प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के लिए इस विमान का प्रयोग किया जाता है। इसकी जगह अब जल्द ही नया विमान आ जाएगा।
ईंधन भरने के बाद लगातार 17 घंटे उड़ सकता है एयर इंडिया वन
बोइंग 747 को 10 घंटे की उड़ान के बाद ईंधन की जरूरत होती है। वहीं एयर इंडिया वन ईंधन भरने के बाद लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है। ऐसे में लंबी यात्राओं के दौरान उसे बीच में ईंधन की जरूरत नहीं होगी। बोइंग से खरीदे जा रहे दोनों नए 777-330 ERs 2005 में हुए समझौते का हिस्सा है। इस समझौते के तहत भारत विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 68 विमान खरीदेगा।
उड़ान के दौरान भी कमांड सेंटर के तौर पर काम करेगा एयर इंडिया वन
अति महत्वपूर्ण लोगों के लिए इस्तेमाल को देखते हुए इन विमानों को खास तौर से तैयार किया गया है। विमान में आधुनिक और पूरी तरह सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम लगा है, जो ऑडियो और वीडियो कम्युनिकेशन की सुविधा देता है। इसे न तो हैक किया जा सकता है और न ही यह टैप हो सकता है। इस वजह से अमेरिकी एयरफोर्स वन की तरह उड़ान के समय भी कमांड सेंटर के तौर पर काम कर सकता है।
विमान में होंगे केबिन, कॉन्फ्रेंस रूम और मेडिकल सेंटर
विमान के इंटीरियर को भी खास तौर से डिजाइन किया गया है। इसमें अति महत्वपूर्ण लोगों के लिए बड़े केबिन, छोटा मेडिकल सेंटर, कॉन्फ्रेंस रूम और आरामदायक सीटें लगाई गई हैं। विमान में प्रधानमंत्री के लिए विशेष दफ्तर और मीटिंग रूम की भी व्यवस्था है।
मिसाइलों को गच्चा दे सकता है विमान
द प्रिंट के मुताबिक, विमान में लगा सेल्फ-प्रोटेक्शन सुइट दुश्मन की राडार फ्रीक्वैंसी को जाम कर सकता है, हीट को भांपकर पीछा करने वाली मिसाइलों को गच्चा दे सकता है और मध्यम रेंज की मिसाइल के हमले से बचाव कर सकता है। यह सब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के किया जा सकता है। इस विमान में ट्विन GE90-115 लगे हैं। यह 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
बड़े विमानों को मिसाइल हमलों से बचाने के लिए लगाया जाता है LAIRCM सिस्टम
LAIRCM को बड़े विमानों को मैन-पोर्टेबल मिसाइलों के हमले से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। विमान में लगाये जाने के बाद यह सिस्टम विमान के चालक दल को तुरंत अलर्ट कर देता है। साथ ही यह अपने आप मिसाइल से बचने के तरीके पर काम करना शुरू कर देता है। पायलट को सिर्फ यह सूचना जाएगी कि विमान की तरफ कोई मिसाइल आ रही थी, जिसे जाम कर दिया गया है।