
मुंबई में बनेंगे 7 रिंग रोड, 1 घंटे से कम में पूरा होगा शहर का सफर
क्या है खबर?
अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो साल 2029 तक मुंबई के लोगों को शहर में आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से राहत मिल जाएगी।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने अगले 5 सालों में शहर को नया रूप देने के लिए 7 रिंग रोड की परियोजनाओं का मास्टर प्लान बनाया है।
यह प्लान मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में फैले सड़कों, पुलों, सुरंगों और फ्लाईओवरों के नेटवर्क से शहर की कनेक्टिविटी को नया आकार देगा।
परियोजना
मुंबई में क्या है 7 रिंग रोड की परियोजना?
इंडियन एक्सप्रेस की एक मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के उत्तर में वडोदरा के पास गुजरात की सीमा से लेकर दक्षिण में अलीबाग तक फैली इस व्यापक परियोजना का उद्देश्य 2029 तक शहर को जाम की समस्या आजादी दिलाना है।
रिंग रोड योजना के तहत करीब 90.18 किलोमीटर की अतिरिक्त सड़क नेटवर्क बनाया जाएगा, जो 7 द्वीपों वाले शहर को मुख्य भूमि और उससे आगे तक जोड़ेगा। इसके जरिए पूरा शहर को 1 घंटे में पार किया जा सकेगा।
लागत
रिंग रोड परियोजना में कितनी आएगी लागत?
MMRDA में मास्टर प्लान में शामिल रिंग रोड की इस परियोजना को पूरा करने में करीब 58,517 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
ये सड़कें मौजूदा और आने वाले मेट्रो सिस्टम, पुलों और फ्लाईओवर से जुड़ेंगी, जिससे मुंबई में यात्रा तेज और सुगम हो जाएगी।
इसी तरह शहर में नई सड़कों के निर्माण, झुग्गी पुनर्विकास परियोजना और सार्वजनिक परिवहन सुधारों सहित अन्य कार्यों पर होने वाले खर्च के बाद इस परियोजना की लागत करीब 3 लाख करोड़ रुपये होगी।
फायदा
इस परियोजना से क्या होगा फायदा?
इस परियोजना का महत्वपूर्ण पहलू पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करना है, जो मुंबई के लोगों के लिए लंबे समय से बड़ी चुनौती रही है।
बुनियादी ढांचे में सुधार से मुंबई की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि शहर का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2030 तक 140 अरब डॉलर (करीब 11.76 लाख करोड़ रुपये) से दोगुना होकर 300 अरब डॉलर (25 लाख करोड़ रुपये) हो जाएगा।
रिंग रोड
कैसा होगा पहला और दूसरा रिंग रोड?
मास्टर प्लान के अनुसार, पहला रिंग रोड मुंबई कोस्टल रोड पर नरीमन पॉइंट से शुरू होकर बांद्रा-वर्ली सी लिंक, सेवरी-वर्ली कनेक्टर और ऑरेंज गेट टनल से होते हुए नरीमन पॉइंट से जुड़ेगा। यह दक्षिण मुंबई के आसपास एक सुगम यात्रा प्रदान करेगा।
इसी तरह दूसरा रिंग रोड नरीमन प्वाइंट से शुरू होकर बांद्रा-वर्ली सी लिंक, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, सांताक्रूज, चेंबूर और ईस्टर्न फ्रीवे जंक्शनों को जोड़ता हुआ कोस्टल रोड पर नरीमन पॉइंट से जड़ेगा।
रिंग रोड
कैसा होगा तीसरा, चौथा और 5वां रिंग रोड?
तीसरा रिंग रोड नरीमन पॉइंट को बांद्रा-वर्ली सी लिंक और जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड (JVLR) से जोड़ता है, जो पवई-कांजुरमार्ग जंक्शन, ईस्टर्न फ्रीवे से होते हुए ऑरेंज गेट टनल तक जाएगा।
चौथा रिंग रोड नरीमन प्वाइंट को बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा और उत्तर में वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक और गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (GMLR) तक विस्तारित होगा।
इसी तरह 5वां रिंग रोड नरीमन पॉइंट से वर्सोवा-दहिसर लिंक रोड, घोड़बंदर सुरंग और फाउंटेन होटल कनेक्टर से भायंदर तक जाएगा।
अन्य
छठे और 7वें रिंग रोड का मार्ग
छठा रिंग रोड मुंबई को मल्टी-मॉडल अलीबाग-विरार कॉरिडोर से जोड़ेगा, जिससे अलीबाग, ठाणे और विरार के बीच यात्रा काफी आसान हो सकेगी। अलीबाग-विरार कॉरिडोर 100 किमी होगा और इसके लिए भूमि अधिग्रहण की जा रही है।
इसके अलावा, 7वां रिंग रोड नरीमन पॉइंट से शुरू होकर वर्सोवा-भायंदर लिंक रोड, वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे, JNPT पोर्ट रोड, अटल सेतु और ऑरेंज गेट टनल से होकर वापस नरीमन पॉइंट पहुंचेगा। इसे मुंबई का सबसे विस्तृत रिंग रोड माना जा रहा है।
बयान
1 घंटे से कम में पूरा होगा शहर का सफर- मुखर्जी
MMRDA आयुक्त संजय मुखर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रिंग रोड परियोजना का लक्ष्य शहर भर में यात्रा के समय को एक घंटे से कम करना है। ये नई सड़कें, सुरंगें और राजमार्ग न केवल भीड़भाड़ को कम करेंगे बल्कि आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक का काम भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि MMRDA, BMC और MSRDC के सहयोग से मुंबई के परिवहन का भविष्य आशाजनक दिख रहा है, जिसमें तेज आवागमन, बेहतर कनेक्टिविटी और सुगम माल ढुलाई शामिल हैं।