दिल्ली दंगे: घायलों को राष्ट्रगान गाने पर मजबूर करने वाले तीन पुलिसकर्मियों की हुई पहचान
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने अपने उन तीन जवानों की पहचान कर ली है, जिन्होंने दंगों के दौरान घायल युवकों को जबरदस्ती राष्ट्रगान गाने पर मजबूर किया गया था।
पिछले साल दिल्ली दंगों के दौरान हुई यह घटना कैमरे में कैद हुई थी। इन घायल युवकों में से एक की बाद में मौत हो गई थी।
तीनों पुलिसकर्मी दिल्ली आर्म्ड पुलिस के साथ जुड़े हुए हैं और सहमति मिलने पर इनका लाई डिेटेक्टर टेस्ट भी कराया जाएगा।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 500 लोग घायल हुए थे।
इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों तो आग लगा दी थी।
दंगो के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल युवकों पर वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाने का दबाव बना रहे थे।
जानकारी
करीब 17 महीने बाद हुई पुलिसकर्मियों की पहचान
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम ने इन पुलिसकर्मियों की पहचान के लिए 100 से अधिक जवानों से पूछताछ और ड्यूटी चार्ट समेत कई दस्तावेजों की जांच की।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "करीब 17 महीने बाद पुलिस ने तीन जवानों की पहचान की है और सीनियर अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। सहमति मिलने के बाद तीनों जवानों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाया जाएगा।"
जानकारी
ऐसे की गई पहचान
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वीडियो की जांच करते समय देखा गया कि घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी में से एक के पास टियर स्मोक एम्युनिश्न (TSM) था। जब किसी जवान को TSM दिया जाता है तो उसका नाम दर्ज किया जाता है।
इसके बाद जांच अधिकारी ने ड्यूटी रजिस्टर में उस दिन की एंट्री के आधार दिल्ली आर्म्ड पुलिस में तैनात एक जवान को पूछताछ के लिए बुलाया। बाद में दो और जवानों को समन भेजा गया।
दिल्ली दंगे
फैजान नामक युवक की हुई थी मौत
पुलिसकर्मियों ने जिन घायल युवकों को जबरदस्ती राष्ट्रगान और वंदे मातरम गाने को कहा था, उनमें से फैजान नाम के युवक की बाद में मौत हो गई थी।
फैजान की मां ने आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों ने करदमपुरी स्टेशन में उसके बेटे की पिटाई की थी। इसके बाद उसे अवैध तरीके से घायल अवस्था में ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया, जहां उसका इलाज नहीं कराया गया। इससे फैजान की मौत हो गई थी।