Page Loader
जयंती विशेष: सुचित्रा सेन अपनी शर्तों पर करती थीं काम, ठुकरा दी थी राजकपूर की फिल्म
अपने दमदार व्यक्तित्व के लिए जानी जाती थीं सुचित्रा

जयंती विशेष: सुचित्रा सेन अपनी शर्तों पर करती थीं काम, ठुकरा दी थी राजकपूर की फिल्म

Apr 06, 2023
07:03 am

क्या है खबर?

'तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा को तो नहीं', 'हम रहें न रहें' जैसे गाने सुनते ही मन में अभिनेत्री सुचित्रा सेन की छवि बन जाती है। सुचित्रा ने कुछ ही फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई थी। अपने दमदार अभिनय के साथ ही वह अपने उसूलों और दमदार व्यक्तित्व के लिए भी जानी जाती हैं। 6 अप्रैल को सुचित्रा की 92वीं जयंती है। आइए जानते हैं बॉलीवुड की 'आंधी' सुचित्रा के सफर के बारे में।

फिल्में

बॉलीवुड की पहली 'पारो' थीं सुचित्रा

सुचित्रा मुख्य रूप से बंगाली फिल्मों में नजर आई थीं। उनकी पहली फिल्म 'शेष कोठाय' 1952 में आने वाली थी, लेकिन यह फिल्म कभी रिलीज ही नहीं हुई। अगले साल वह उत्तम कुमार के साथ 'शारे चौतोर' में नजर आईं। सुचित्रा और उत्तम की जोड़ी बंगाली फिल्मों में हिट थी। सुचित्रा 'देवदास', 'आंधी', 'ममता', 'बंबई का बाबू', जैसी हिंदी फिल्मों में नजर आईं। सुचित्रा अपनी पहली ही हिंदी फिल्म 'देवदास' में पारो का यादगार किरदार निभाकर लोकप्रिय हो गई थीं।

उसूल

ठुकरा दी थी राज कपूर और सत्यजीत रे की फिल्म

सुचित्रा करियर में अपने उसुलों और अपनी शर्तों पर चलने के लिए जानी जाती हैं। सत्यजीत रे सुचित्रा के साथ बंकिम चंद्र चटोपाध्याय के उपन्यास 'देवी चौधरानी' पर फिल्म बनाना चाहते थे। तारीख न मिलने के कारण उन्होंने इस फिल्म को करने से मना कर दिया। इसके बाद रे ने यह फिल्म कभी नहीं बनाई। कहा जाता है कि सुचित्रा ने राज कपूर के व्यवहार से नाराज होकर उनकी भी एक फिल्म ठुकरा दी थी।

बचपन

15 साल की उम्र में हुई शादी

रिपोर्ट्स के अनुसार, आजादी की लड़ाई के समय सुचित्रा का परिवार बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल आया था। 15 साल की उम्र में सुचित्रा की शादी एक बिजनेसमैन से हुई। अगले ही साल उन्होंने बेटी को जन्म दिया। एक तरफ जहां फिल्मी सफर में सुचित्रा को लगातार सफलता मिल रही थी, वहीं इससे उनके निजी जीवन पर असर पड़ने लगा। पति से उनकी अनबन रहने लगी और इसके कारण उनके पति उन्हें यहां छोड़कर खुद अमेरिका चले गए।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता मुनमुन सेन सुचित्रा की बेटी हैं। मुनमुन की बेटियां रिया सेन और रायमा सेन भी अभिनय की दुनिया में नाम कमा चुकी हैं।

आध्यात्म

फिल्मी सफर खत्म कर गायब हो गईं सुचित्रा

सुचित्रा बंगाली फिल्मों में लगातार कमाल कर रही थीं, लेकिन एक फिल्म ने न सिर्फ उनका करियर, बल्कि जीवन बदल दिया। फिल्म 'प्रणय पाशा' के फ्लॉप होने के बाद उन्होंने अपने करीब 25 साल के फिल्मी सफर पर विराम लगा दिया। उन्होंने अपनी सार्वजनिक उपस्थिति लगभग खत्म कर दी और खुद को अपने घर में सीमित कर दिया। फिल्मी सफर खत्म करने के बाद वह आध्यात्म की तरफ मुड़ गईं और कभी सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा भी नहीं दिखाया।

जानकारी

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने से कर दिया मना

सुचित्रा ने खुद को लोगों की नजरों से इस कदर दूर कर लिया कि उन्होंने 'दादा साहेब फाल्के' पुरस्कार लेने से भी मना कर दिया। 17 जनवरी, 2014 को फेफड़ों में संक्रमण के कारण सुचित्रा का निधन हो गया था।