
#NewsBytesExplainer: सूरज बड़जात्या की 'राजश्री प्रोडक्शंस' की कैसे हुई थी शुरुआत, जानें अब तक का सफर
क्या है खबर?
बॉलीवुड में डांस-गाने, खूब सारे उत्सव और पारिवारिक तत्वों से भरपूर फिल्में बनाने का श्रेय राजश्री प्रोडक्शंस जाता है।
'हम आपके हैं कौन', 'हम साथ साथ हैं' जैसी फिल्में दे चुकी राजश्री प्रोडक्शंस में खास तरह का मनोरंजन मौजूद होता है जो परिवार के रिश्तों और उनकी भावनात्मक उठापठक पर आधारित होती है।
आइए, जानते हैं 'राजश्री प्रोडक्शंस' की शुरुआत किसने की थी और कैसा रहा इसका अब तक का सफर।
शुरुआत
ताराचंद बड़जात्या ने की थी शुरुआत
राजश्री की शुरुआत एक फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के तौर पर हुई थी।
1947 में ताराचंद बड़जात्या ने इस कंपनी की नींव रखी थी। इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 76 सालों से पारिवारिक फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन कर रही है।
राजस्थान के रहने वाले ताराचंद का जन्म 1914 में हुआ था। वह 19 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया से जुड़ गए थे। 'मोती महल थिएटर्स' से उन्होंने अपना करियर शुरू किया था।
नाम
बेटी राजश्री के नाम पर रखा कंपनी का नाम
ताराचंद अपनी कंपनी का नाम अपने बेटों के नाम पर रखना चाहते थे। उन्होंने अपने बेटों राज और कमल का नाम मिलाकर इसका नाम 'राजकमल' रखा था।
उन्हीं दिनों वी शांताराम ने इसी नाम से अपनी निर्माता कंपनी खोल ली। ऐसे में ताराचंद ने अपनी कंपनी का नाम अपनी बेटी राजश्री के नाम पर रखने का फैसला किया।
कहा जाता है कि जब भी इस कंपनी की कोई फिल्म बनती, तो परिवार के हर सदस्य से रायशुमारी की जाती थी।
विस्तार
देशभर के प्रमुख शहरों में खोले दफ्तर
ताराचंद ने कंपनी की शुरुआत चेन्नई और हैदराबाद में दफ्तर के साथ की थी। उन्होंने दक्षिण भारत के कई निर्माताओं को बॉलीवुड में लाने का काम किया।
ताराचंद लगातार अपनी कंपनी का विस्तार करते रहे और फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन के काम के लिए उन्होंने दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक कई दफ्तर खोले।
राजश्री के दफ्तर जलंधर, विशाखापट्टनम समेत पूरे भारत के 20 प्रमुख शहरों में खोले गए।
यह कंपनी 'शोले', 'धर्मवीर', जैसी फिल्मों का डिस्ट्रीब्यूशन कर चुकी है।
राजश्री प्रोडक्शंस
1960 में शुरू हुई राजश्री प्रोडक्शंस
1960 में कंपनी की निर्माता इकाई राजश्री प्रोडक्शंस की शुरुआत की गई। इसकी पहली फिल्म 'आरती' को समीक्षकों की खूब सराहना मिली थी। इस फिल्म को कई फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया था।
इसके बाद राजश्री की फिल्म 'दोस्ती' को बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता मिली। फिल्म ने राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था।
60-80 के दशक में राजश्री ने 'उपहार', 'गीत गाता चल', 'चितचोर', 'अंखियों के झरोखों से' जैसी कई शानदार फिल्में बनाईं।
आर्थिक संकट
...जब बंद होने के कगार पर पहुंची कंपनी
80 के दशक में VCR के आने से पूरा फिल्म जगत आर्थिक संकट में था। सिनेमाघर दर्शकों के लिए जूझ रहे थे और अधिकांश निर्माता कंपनियां नुकसान झेल रही थीं।
ऐसे में राजश्री प्रोडक्शंस की भी हालत पस्त हो गई। कंपनी बंद होने के कगार पर थी, तभी ताराचंद के पोते सूरज बड़जात्या उम्मीद की किरण बनकर उभरे।
उन्होंने 1989 में फिल्म 'मैंने प्यार किया' बनाई जिसे बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता मिली।
सूरज बड़जात्या
सूरज बड़जात्या ने लाए नया सवेरा
'मैंने प्यार किया' से सलमान खान ने फिल्म जगत में पहचान बनाई थी।
इसके बाद सूरज ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक भव्य पारिवारिक फिल्में दीं, जिसमें 'हम आपके हैं कौन', 'हम साथ साथ हैं', 'विवाह' जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं।
सूरज की पिछली फिल्म 'ऊंचाई' थी, जो पिछले साल रिलीज हुई थी। इस बार फिल्म प्यार और परिवार की बजाय दोस्ती पर आधारित थी। फिल्म में कुछ बुजुर्ग दोस्त एवरेस्ट बेसकैंप तक ट्रेकिंग पर निकलते हैं।
टीवी
छोटे पर्दे पर भी जमाए पैर
वर्तमान ने कंपनी के अध्यक्ष सूरज बड़जात्या हैं।
फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन और निर्माण के अलावा कंपनी ने छोटे पर्दे पर भी अपना सिक्का जमाया और कई लोकप्रिय टीवी शो बनाए। राजश्री 'पेइंग गेस्ट', 'वो रहने वाली महलों की', 'यहां मैं घर घर खेली' जैसे शो बनाए।
2006 में कंपनी ने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के लिए Rajshri.com की शुरुआत की। यह भारत में शुरुआती ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं में से एक है। इस प्लेटफॉर्म पर फिल्मों के अलावा गाने और डॉक्युमेंट्री भी मौजूद हैं।