महिला विरोधी होने के लिए किरण राव ने की 'कबीर सिंह' और 'बाहुबली' की आलोचना
फिल्म जगत में महिलाओं के खिलाफ माहौल पर अक्सर बात होती है। 2018 में हुए #MeToo आंदोलन ने स्थिति की भयावहता को और स्पष्ट रूप से दिखाया था। अब फिल्म निर्माता किरण राव ने एक कार्यक्रम में इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि लोगों का नजरिया तभी बदल सकता है जब निर्माण के क्षेत्र में ज्यादा महिलाएं हों। उन्होंने फिल्मों में दिखाए जाने वाले लड़कियों को रिझाने के तरीकों पर भी सवाल उठाए।
लैंगिक संवेदनशीलता पर किरण ने की बात
एक कार्यक्रम में किरण ने फिल्म जगत में लैंगिक संवेदनशीलता पर बात की। ई टाइम्स की खबर के अनुसार, किरण ने कहा, "फिल्मों में लड़कियों का पीछा करने का खूब महिमामंडन किया जाता है।" उन्होंने इसके लिए फिल्म 'कबीर सिंह' का उदाहरण दिया। उन्होंने 'बाहुबली' का भी उदाहरण देते हुए कहा, "बाहुबली एक रोचक दृश्य के साथ शुरु होती है, जिसमें एक महिला योद्धा एक्शन कर रही है, लेकिन हीरो उसे रोमांस का एक साधन मात्र बना देता है।"
ऐसी फिल्मों को मिलती है सफलता- किरण
उन्होंने ऐसी फिल्मों को मिलने वाली सफलता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आगे कहा, "यह एक ऐसा जगत भी है, जहां सबकुछ सीट पर बैठे लोगों की संख्या से तय होता है। हर कोई सिर्फ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखता है। ऐसे में इस तरह की फिल्में हैं, जो ऐसे संदेश के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर खूब सफल होती हैं।" 2019 में आई 'कबीर सिंह' की खूब आलोचना हुई थी। हालांकि फिल्म ने शानदार कमाई भी की थी।
...तो बदल सकती हैं परिस्थितियां
किरण ने कहा कि निर्माण की प्रक्रिया में ज्यादा महिलाओं के होने से परिस्थितियां बदल सकती हैं। उन्होंने कहा, "लैंगिक संवेदनशीलता से सबको फायदा होगा, ना कि सिर्फ महिलाओं को। नजरिया बदलने के लिए निर्देशक, निर्माता, स्क्रीनराइटर जैसे पदों पर ज्यादा महिलाओं का होना जरूरी है। महिलाएं अब मुश्किल पदों को भी संभाल रही हैं और बेहतर प्रदर्शन भी कर रही हैं।" किरण ने कहा कि उन्हें कई सारे बदलाव दिख रहे हैं।
OTT में दिख रहा बदलाव
उन्होंने कहा, "कई OTT प्लेटफॉर्म का संचालन महिलाएं कर रही हैं। निर्माता मानते हैं कि वे निर्माण के कामों में महिलाओं पर ज्यादा भरोसा करते हैं। महिलाओं के होने से माहौल सुरक्षित महसूस होता है। काम के घंटे ठीक होते हैं, खास कर जब कोई बच्चों या दिव्यांग के साथ काम कर रहा होता है। मुझे उम्मीद है कि महिला निर्देशक और निर्माता अपनी भूमिका निभाएंगी।" उन्होंने अपनी फिल्म 'लापता लेडीज' और शो 'सत्यमेव जयते' का भी उदाहरण दिया।