NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / करियर की खबरें / #NewsBytesExplainer: क्या है करियर एप्टीट्यूड टेस्ट, जिसकी मदद से युवाओं को मिल रही नई दिशा?
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: क्या है करियर एप्टीट्यूड टेस्ट, जिसकी मदद से युवाओं को मिल रही नई दिशा?
    क्या है करियर एप्टीट्यूड टेस्ट?

    #NewsBytesExplainer: क्या है करियर एप्टीट्यूड टेस्ट, जिसकी मदद से युवाओं को मिल रही नई दिशा?

    लेखन राशि
    Jun 18, 2023
    07:00 pm

    क्या है खबर?

    आज के समय में किसी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए कई सारे टेस्ट उपलब्ध हैं। इनमें IQ टेस्ट से व्यक्ति के ज्ञान और पर्सनालिटी टेस्ट से उसके व्यक्तित्व के बारे में पता लगाया जाता है।

    इसी तरह अब करियर एप्टीट्यूड टेस्ट का चलन भी बढ़ा है। यह टेस्ट स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट और सही करियर चुनने में मददगार साबित हो रहा है।

    आइए करियर एप्टीट्यूड टेस्ट के बारे में जानते हैं।

    एप्टीट्यूड टेस्ट

    एप्टीट्यूड टेस्ट क्या है?

    एप्टीट्यूड टेस्ट एक ऐसी परीक्षा है, जो किसी कार्य या स्थिति में सफल होने के लिए व्यक्ति के कौशल का मूल्यांकन करती है।

    इस टेस्ट में आम तौर पर विभिन्न क्षेत्रों में किसी व्यक्ति के ज्ञान और उसकी क्षमताओं की जांच की जाती है।

    आज के समय में बच्चों की रूचि और उनकी प्रतिभा का पता लगाने के लिए कई ऑनलाइन टेस्ट उपलब्ध हैं।

    इससे बच्चों की सीखने की क्षमता, उनके मजबूत और कमजोर क्षेत्रों की पहचान की जाती है।

    कब

    कैसे और कहां से हुई करियर एप्टीट्यूड टेस्ट की शुरुआत?

    करियर मूल्यांकन के लिए टेस्ट का उपयोग सन 1900 से किया जा रहा है।

    वर्डप्रेस डॉट कॉम के अनुसार, साल 1908 में पार्सन्स ने बोस्टन के वोकेशनल ब्यूरो की शुरुआत की और करियर मूल्यांकन के लिए पद्धति बनाई।

    पार्सन्स का कहना था कि व्यक्ति को एक सफल व्यावसायिक दिशा खोजने के लिए अपनी रूचि, क्षमताओं और सीमाओं को समझने की आवश्यकता है। पार्सन्स की पहल के बाद कई देशों में करियर एप्टीट्यूड टेस्ट का इस्तेमाल किया जाने लगा था।

    प्रकार

    कितने प्रकार का होता है एप्टीट्यूड टेस्ट?

    करियर एप्टीट्यूड टेस्ट अलग-अलग आयु वर्ग के लिए होता है और प्रत्येक टेस्ट से अलग-अलग जानकारियां मिलती हैं।

    7 से 8 वर्ष तक के बच्चों के लिए जूनियर प्राइमरी टेस्ट होता है। इसमें बच्चे की रूचि के अनुसार शिक्षण विधियों का चयन किया जा सकता है।

    9 से 10 साल के बच्चों के लिए सीनियर प्राइमरी टेस्ट होता है। इसमें ये जानने की कोशिश की जाती है कि बच्चा स्कूल में चीजों को कैसे सीख रहा है।

    टेस्ट

    18 साल से ज्यादा आयु के लिए होता है अलग एप्टीट्यूड टेस्ट

    11 से 12 साल के बच्चों के लिए मिडिल स्कूल टेस्ट होता है। इसमें बच्चों की रूचि वाले विषयों का पता लगाया जाता हैं।

    13 से 14 साल के बच्चों के लिए लोअर सेकेंडरी टेस्ट होता है। इसमें बच्चों की क्षमताएं मापी जाती हैं।

    15 साल ऊपर के बच्चों के लिए हायर सेकेंडरी टेस्ट होता है। इसमें करियर की संभावनाओं को तलाशते हैं।

    18 साल के ऊपर के व्यस्कों के लिए एप्टूट्यूड टेस्ट में विकास का मूल्यांकन किया जाता है।

    जानकारी

    किन बिंदुओं को मापता है एप्टीट्यूड टेस्ट?

    एप्टीट्यूड टेस्ट मुख्य तौर पर 6 बिंदुओं को मापता है। टेस्ट के जरिए उम्मीदवारों की संख्यात्मक समझ, स्थानिक विजुलाइजेशन यानि आकृतियों और वस्तुओं को समझने की क्षमता, रचनात्मकता, भाषाई क्षमता, अवधारणात्मक गति और सटीकता और यांत्रिक समझ का आंकलन किया जाता है।

    लाभ

    एप्टीट्यूड टेस्ट के लाभ क्या है?

    मनोवैज्ञानिक वैभव नायगांवकर ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया "एप्टीट्यूड टेस्ट आपको करियर की योजना बनाने में मदद करता है। अक्सर जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनकी रुचियों का पता लगाना मुश्किल होता है। वे माता-पिता के सामने अपनी बात रखने में संकोच करते हैं। ऐसे समय में माता-पिता बच्चों को एप्टीट्यूड टेस्ट में शामिल करें।"

    उन्होंने कहा, "इससे बच्चों की रूचियों का पता चलेगा और उनकी रूचि के हिसाब से आवश्यक विषयों और स्कूल का चुनाव कर सकते हैं।"

    प्रक्रिया

    कैसे दे सकते हैं एप्टीट्यूड टेस्ट?

    एप्टीट्यूड टेस्ट देना बहुत सरल है। सबसे पहले आपको ऑनलाइन या ऑफलाइन टेस्ट करवाने वाली संस्था के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा।

    इसके बाद एप्टीट्यूड टेस्ट में शामिल हो जाएं और फिर अपनी मूल्यांकन और व्याख्या रिपोर्ट प्राप्त करें।

    करियर फिटर, करियर हंटर, करियर एक्प्लोरर, माय प्लान करियर असेस्मेंट, 123 करियर टेस्ट, ब्रेन वंडर्स जैसी ऑनलाइन वेबसाइट करियर एप्टीट्यूड टेस्ट कराती हैं। कुछ टेस्ट के लिए शुल्क देना होगा और कुछ टेस्ट छात्रों के लिए निशुल्क हैं।

    जरूरत

    कब लेना चाहिए एप्टीट्यूड टेस्ट?

    मनोवैज्ञानिक वैभव के मुताबिक, एप्टीट्यूड टेस्ट देने के लिए कोई निर्धारित समय नहीं है। आप जब भी करियर चुनने या करियर में बदलाव को लेकर संशय में हों, एप्टीट्यूड टेस्ट ले सकते हैं।

    उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी है कि छोटी आयु के बच्चों की समय-समय पर प्रत्येक स्तर के एप्टीट्यूड टेस्ट में भागीदारी कराएं। बच्चों की रूचि समय के अनुसार बदलती रहती है। ऐसे में एप्टीट्यूट टेस्ट के जरिए ही उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।

    योजना

    एप्टीट्यूड टेस्ट देने के बाद क्या करें?

    करियर की बेहतर संभावनाएं तलाशने के लिए केवल एप्टीट्यूड टेस्ट लेना काफी नहीं है। इसे लेने के बाद आपका किसी करियर काउंसलर से भी बात करना काफी जरूरी होता है।

    अक्सर एप्टीट्यूड टेस्ट लेने के बाद भी कुछ उम्मीदवार संशय में रहते हैं। ऐसे में करियर काउंसलर आपको सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।

    अगर आप 1 बार एप्टीट्यूड टेस्ट से अपनी रूचि को नहीं जान पाते हैं तो काउंसलर से मूल्यांकन और व्याख्या रिपोर्ट का अवलोकन करवाएं।

    जानकारी

    भारत में कौन करवाता है एप्टीट्यूड टेस्ट?

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) विद्यार्थियों के लिए नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) नो योर एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करती है। ये दोनों टेस्ट निशुल्क हैं। ये टेस्ट विद्यार्थियों को उनकी योग्यता का विश्लेषण करने और सही करियर चुनने में मदद करता है।

    सटीकता

    कितने सटीक होते हैं करियर एप्टीट्यूड टेस्ट के परिणाम?

    बच्चों के विकास की दृष्टि से करियर एप्टीट्यूड टेस्ट के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। हालांकि, इसके परिणाम 100 प्रतिशत सटीक नहीं होते।

    कई बार कुछ टेस्ट के परिणाम 60 से 70 प्रतिशत तक ही सही होते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को टेस्ट के बाद करियर काउंसलर की मदद लेनी चाहिए।

    करियर एप्टीट्यूड टेस्ट का चलन विदेशों में ज्यादा है, लेकिन समय के साथ भारत में भी इसका उपयोग काफी बढ़ने लगा है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    12वीं के बाद करियर विकल्प

    ताज़ा खबरें

    इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे: जैक क्रॉली ने टेस्ट में लगाया अपना 5वां शतक, पूरे किए 3,000 रन इंग्लैंड क्रिकेट टीम
    कार खरीदते समय कौन-कौन से सुरक्षा फीचर्स पर देना चाहिए विशेष ध्यान? कार
    आपके आधार कार्ड का कोई कर रहा दुरुपयोग? जानिए कैसे लगाएं पता आधार कार्ड
    सोनू निगम मीडिया पर भड़के, कहा- सठिया गए हैं क्या, एक ही बात कितनी बार बताऊं? सोनू निगम

    12वीं के बाद करियर विकल्प

    फिजियोथेरेपी है बेहतरीन करियर ऑप्शन, जानिए कैसे इस फील्ड में बढ़ सकते हैं आगे परीक्षा
    न्यूज चैनल में एंकर बनना चाहते हैं तो मीडिया में बनाएं करियर, यहां पढ़े पूरी जानकारी पत्रकारिता में करियर
    होटल मैनेजमेंट में बनाएं करियर, जानिए डिग्री और नौकरी के अवसर इंजीनियरिंग
    सोशल मीडिया से है प्यार तो बनें इंफ्लुएंसर, लाखों में होती है कमाई सोशल मीडिया
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025