क्या है ऑटोमेशन इंजीनियरिंग? जानें कैसे बनाएं इस क्षेत्र में करियर
ऑटोमेशन का मुख्य अर्थ स्वचालन है यानि एक ऐसी तकनीक जिसके माध्यम से कोई भी मशीन बिना किसी व्यक्ति की मदद के एक टास्क पूरा कर ले। टेक्नोलॉजी के इस दौर में इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट, यूटिलिटी, डिफेन्स और सर्विस सेक्टर जैसे इकोनॉमी के विभिन्न क्षेत्रों में ऑटोमेशन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। आइए जानते है कि इस सेक्टर में आप कैसे बेहतर करियर बना सकते हैं।
ऑटोमेशन इंजीनियरिंग का काम क्या होता है?
ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर की मदद से संचालित उपकरणों या मशीनों को निपुण बनाने पर ध्यान दिया जाता है। इस तकनीक में किसी भी प्रक्रिया या कार्यप्रणाली में कम से कम मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत पड़ती है। ऑटोमेशन इंजीनियर पारंपरिक इंजीनियर हो सकते हैं जो भौतिक मशीनों के साथ काम करते हैं या सॉफ्टवेयर इंजीनियर हो सकते हैं जो प्रोग्रामिंग भाषाओं पर काम करते हैं और एक सिस्टम को स्वचालित करने के लिए नई तकनीक तैयार करते हैं।
करियर के लिहाज से कैसा है यह क्षेत्र?
ऑटोमेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने के इच्छुक लोगों को यह समझना चाहिए कि यह ऐसे लोगों के करियर के लिए फायदेमंद होगा जिनका रूझान तकनीक से जुड़ी जानकारियों और कुछ नया करने में अधिक हो। एक ऑटोमेशन इंजीनियर की अनुमानित सालाना आय छह लाख के आस-पास होती है। हालांकि यह घट या बढ़ भी सकता है क्योंकि यह इंजीनियर के अनुभव, उसकी कंपनी और कार्यस्थल पर भी निर्भर करती है।
इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाएं?
ऑटोमेशन इंजीनियर करने के लिए आप इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद पढ़ाई के साथ-साथ ऑटोमेशन क्षेत्र से जुड़ी कंपनी में काम कर सकते हैं। इससे रेज्यूमे बेहतर होने के साथ-साथ आप इस क्षेत्र को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे। इसके आपको ऑटोमेशन के किस विभाग में विशेषज्ञता हासिल करनी है, यह भी समझ आ जाएगा।
ऑटोमेशन इंजीनियर बनने के लिए ये गुण भी हैं जरूरी
एक ऑटोमेशन इंजीनियर को सिस्टम स्वचालित करने के लिए एक नया प्रोजेक्ट शुरू करते समय एक इंजीनियरिंग टीम का प्रबंधन करना पड़ सकता है और इसके लिए उसे लीड करना जरूरी है। इस पेशे में उम्मीदवार को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के साथ-साथ कोडिंग सॉफ्टवेयर का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। ऑटोमेशन इंजीनियर की तकनीकी हुनर के साथ-साथ बातचीत और लिखने की कला भी अच्छी होनी चाहिए क्योंकि वह इसी के माध्यम से टीम और ग्राहकों की परेशानियों का हल निकाल सकता है।