#NewsBytesExclusive: UPSC में चौथी रैंक हासिल करने वाले श्रेयांश कुमत से खास बातचीत
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 05 अप्रैल, 2019 को सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2018 का अंतिम रिजल्ट घोषित कर दिया है। कनिष्क कटारिया ने परीक्षा में टॉप किया है, वहीं श्रेयांश कुमत ने पूरे भारत में चौथी रैंक हासिल की है। NewsBytes के साथ एक विशेष इन्टरव्यु में श्रेयांस ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए उनकी तैयारी की रणनीति के बारे में बात की और साथ ही उम्मीदवारों को सलाह भी दी। आइए जानें कई अन्य बातें।
नहीं थी टॉप पांच में आने की उम्मीद
जब हमने श्रेयांश से पूछा कि वे टॉप पांच में आने पर कैसा महसूस कर रहा हैं, तो श्रेयांस ने कहा कि वह अच्छा महसूस कर रहें हैं। साथ ही उन्होंने अच्छे भाग्य के लिए ईश्वर का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा, "मैं अपने सपनों में भी टॉप पांच में आने की उम्मीद नहीं कर रहा था।" श्रेयांश ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा को पास किया है। CSE मेन में उनका वैकल्पिक विषय एंथ्रोपोलॉजी था।
अर्न्स्ट एंड यंग के साथ किया काम
श्रेयांश राजस्थान के अजमेर के पास किशनगढ़ से हैं। उन्होंने अपनी अधिकांश पढ़ाई किशनगढ़ में की और 10वीं की पढ़ाई अजमेर के मयूर स्कूल से की है। उन्होंने साल 2015 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे (IIT-B) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) किया है। आपको बता दें कि उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास करने से पहले लगभग दो साल तक अर्नस्ट एंड यंग (EY) के साथ भी काम किया।
तैयारी के लिए 2017 में छोड़ी नौकरी
श्रेयांश ने कहा कि EY में अपनी नौकरी के दूसरे वर्ष के दौरान उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि साल 2017 के मध्य में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरा समय परीक्षा की तैयारी में लगाना शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा, "मैंने कुछ समय के लिए संस्थानों में कुछ ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग प्रोग्राम किए, उसके बाद मैंने सेल्फ स्टडी की।"
ऑफलाइन या ऑनलाइन प्रोग्राम, क्या है बेहतर?
यह पूछे जाने पर कि ऑफलाइन कोचिंग क्लासेस और ऑनलाइन कार्यक्रमों में से कौन सा मददगार है, श्रेयंस ने कहा, "मुझे लगता है कि दोनों का मिश्रण मदद करेगा। उन्होंने कहा, "इससे मुझे मदद मिली है। इससे आपको आधारभूत बातों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी; आप सेल्फ स्टडी करके या इंटरनेट का उपयोग करके अच्छे से तैयारी कर सकते हैं," उन्होंने कहा कि आपके सीनियर लोगों का मार्गदर्शन भी काफी मदद करता है।
तैयारी प्रक्रिया का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा
श्रेयांश ने कहा, "सबसे कठिन भाग परीक्षा की अनिश्चितता होगी। प्रतियोगिता अधिक होती है और कभी-कभी आपको लगता है कि आप इसे नहीं कर पाएंगे, लेकिन फिर आपको सकारात्मक और प्रेरित रहना होगा। मुझे लगता है कि मुझमे व्यक्तिगत रूप से बढ़ोतरी हुई है।"
बताई अपनी तैयारी की रणनीति
श्रेयांश ने कहा "मैंने अपनी रणनीति में ये सुनिश्चित किया कि मैं सभी विषयों को इस तरह से कवर करूं कि परीक्षा के दौरान संक्षिप्त तरीके से उसे पेश कर पाऊं।" उन्होंने बताया "मैं कितने घंटे पढ़ता हूं इसकी बजाय मैं किस टॉपिक को कितने घंटे पढ़ता हूं ये देखता था।" श्रेयांस 6-10 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करते थे। वे यह सुनिश्चित करते थे, कि उस विषय को पूरा करें, जिसे उन्होंने उस दिन के लिए चुना है।
CSE का सबसे कठिन चरण
CSE के तीनों चरणों में से सबसे कठिन चरण पूछे जाने पर श्रेयंस ने कहा, "तीनों चरण चुनौतीपूर्ण थे, क्योंकि मैं पहली बार UPSC परीक्षा दे रहा था।" उम्होंने बताया कि एक तरह से मेन और इंटरव्यू के लिए सब्जेक्टिव पेपर कठिन थे। श्रेयांश ने बताया, "मैंने पहले IIT और CAT के दौरान ऑब्जेक्टिव पेपर दिए थे। मुझे उसके बारे में पता था, लेकिन सब्जेक्टिव पेपर को और अधिक मेहनत की जरूरत थी।"
UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों को श्रेयांश की सलाह
UPSC की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को सलाह देते हुए श्रेयांश ने कहा कि अपने आप पर भरोसा रखें और हमेशा पॉजिटिव रहें। उन्होंने कहा, "आपको पूरी तैयारी के दौरान अनुरूप (Consistent) होना चाहिए, जिसमें नियमित रूप से बहुत अधिक प्रेरणा और दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है।" श्रेयांश ने कहा, "मैं हर रोज़ ध्यान (Meditation) लगता था। सभी को अपनी दैनिक दिनचर्या में ऐसा ही कुछ जोड़ना चाहिए, जिससे कि लोग अपने सपने की ओर बढ़ने में सक्षम हों।