खुद IAS अधिकारी नहीं बन पाए, लेकिन कोचिंग देकर कई बच्चों को बनाया अफसर
क्या है खबर?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल है। एक IAS अधिकारी पद पर काम करके देश की सेवा करने का सपना ज्यादातर भारतीय देखते हैं, लेकिन कुछ लोगों का ही ये सपना पूरा हो पाता है।
आज हम आपको मोहम्मद रहमान की कहानी बताते हैं जो खुद तो एक IAS अधिकारी नहीं बन पाए, लेकिन आज कई बच्चों को पढ़ाकर उनका सपना पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं।
आइए जानें इनकी सफलता की कहानी।
कोचिंग क्लास
साक्षात्कार में फेल होने के बाद लिया कोचिंग क्लास चलाने का फैसला
IAS अधिकारी बनने का सपना देखने वाले मोहम्मद रहमान पटना के मछुआ टोली में गरीब बच्चों के सपनों को पंख देने के लिए एक कोचिंग क्लास चलाते हैं।
रहमान ने एक बार नहीं बल्कि कई बार UPSC IAS परीक्षा में भाग लिया और उन्होंने प्री और मेन्स पास करके साक्षात्कार की ओर कदम बढ़ाया, लेकिन साक्षात्कार में दो बार कामयाबी नहीं मिलने पर उन्होंने दूसरे बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया।
शुरुआत
10-12 बच्चों से की कोचिंग की शुरूआत
रहमान के कोचिंग संस्थान का नाम 'अदम्य अदिति गुरुकुल' है। शुरूआत में 10-12 बच्चे उनकी कोचिंग में पढ़ने आते थे।
उसके बाद 1998 में उनके द्वारा पढ़ाए हुए एक बच्चे का चयन UPSC में हुआ, जिसके बाद सबको ये पता चला कि कोई शिक्षक कम फीस पर UPSC की तैयारी कराते हैं।
उसके बाद गांव-गांव से गरीब बच्चे उनसे पढ़ने के लिए आने लगे।
जानकारी
27 बच्चों का करते हैं पालन-पोषण
रहमान ऐसे 27 बच्चों को अपने साथ रखते हैं, जो बहुत गरीब हैं और उनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है। वे उन सभी बच्चों को पढ़ाते हैं और उनका पालन-पोषण करते हैं। उनकी पढ़ाई से लेकर पालन-पोषण तक की जिम्मेदारी रहमान ने ली है।
फीस
फीस के नाम पर लेते हैं केवल 100 रुपये
बच्चों को पढ़ाने का फैसला लेने के बाद रहमान ने कोचिंग क्लास शुरू की। अभी तक उनकी मदद से हजारों छात्र अधिकारी बन चुके हैं।
उनकी सबसे खास बात तो ये है कि वे गरीब बच्चों से बेहद कम फीस लेते हैं।
जी हां, वे गरीब बच्चों से फीस के नाम पर सिर्फ 100 रुपये लेते हैं।
रहमान का कहना है कि उन्होंने गरीबी देखी है और तभी ये फैसला कर लिया है।
सपना
गुरुकुल संस्थान खोलने की रखते हैं इच्छा
रहमान का कहना है उन्हें पढ़ाते हुए 20 से भी अधिक साल हो गए हैं, उन्होंने कभी फीस नहीं मांगी है। उनकी जिम्मेदारियों को देखते हुए कुछ बच्चे चार-पांच रुपये फीस के तौर पर दे देते हैं।
रहमान गरीब और असहाय बच्चों को फ्री में पढ़ाने और पालन-पोषण के लिए गुरुकुल संस्थान खोलना चाहते हैं।
वे कोचिंग से निकले आर्थिक मदद करने की इच्छा रखने वाले बच्चों से इस सपने को पूरा करने में मदद करने के लिए कहते हैं।
जानकारी
इतने बच्चों को मिली सफलता
22 साल में 40 से ज्यादा बच्चों का चयन UPSC में हो चुका है। 400 से ज्यादा बच्चे BPSC में सफल हुए, 4,000 से ज्यादा बच्चे इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर बनें। वहीं 2007-08 बैच की छात्रा पिंकी गुप्ता अभी प्रधानमंत्री सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में कार्यरत है।
जीवन
निजी जीवन में आईं काफी परेशानियां
रहमान को MA करते समय एक ब्राह्मण लड़की अमिता कुमारी से प्यार हुआ। समाज उनकी शादी के खिलाफ था। इसके बावजूद उन्होंने 1997 में पटना के बिरला मंदिर में शादी की।
रहमान के अनुसार 10 साल तक उन्हें कोई घर नहीं मिला और उन्हें अलग-अलग रहना पड़ा।
उनके कोचिंग संस्थान का नाम पहले 'रहमान एम' था। बेटी होने के बाद उन्होंने क्लासेज का नाम बदलकर 'अदम्या अदीति गुरुकुल' रख दिया।
जानकारी
उनके जीवन पर बन रही फिल्म
हाल ही में आई खबरों के अनुसार रहमान के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बन रही है। अभिनेता सुनील शेट्टी की प्रोडक्शन हाउस में उन पर आधारित फिल्म बन रही है, जो इस साल के अंत में सिनेमा घरों में दस्तक देगी।