
अब छात्र चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम के बाद कर पाएंगे PhD
क्या है खबर?
PhD करने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए एक खुशखबरी है। कई दिनों से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) चार साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम लाने पर विचार कर रहा है।
अगर चार साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम लाया गया, तो छात्र इसके बाद तुरन्त बाद PhD कर सकेंगे।
UGC अभी सभी स्ट्रीम के अंडरग्रेजुएट कोर्स को चार साल का करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
आइए जानें पूरी खबर।
रिसर्च सुधार समिति
रिसर्च सुधार समिति ने भी की सिफारिश
अंडरग्रेजुएट कोर्स को चार साल का करना का प्रस्ताव पर नैशनल एजुकेशन पॉलिसी में भी है।
इसके साथ ही रिसर्च में सुधार करने के लिए एक समिति बनाई गई है। उस समिति ने इसके लिए UGC को सिफारिश की है।
अगर हम अभी की बात करें, तो छात्र को ग्रेजुएशन करने बाद दो साल की पोस्ट ग्रेजुएशन करनी होती हैै। उसके बाद ही वो PhD कर सकता है।
छात्र
ऐसा होने से छात्रों का समय बचेगा
हायर स्टडीज में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अन्य कई देशों में अडरग्रेजुएट कोर्स पूरे चार साल का होता है।
वहीं UGC के अधिकारियों का कहना है कि इस पर अभी विचार किया जा रहा है। अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। लेकि नअगर ऐसा होता है, तो छात्रों को PhD करने के लिए दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन नहीं करना पडेगा।
ऐसा होने से छात्रों के साल बचेंगे। B.Tech/B.E के बाद सीधे PhD करने का प्रावधान है।
रिसर्च
चौथे साल में रिसर्च पर दिया जाेगा ध्यान
UGC ने शिक्षा नीति में बड़े स्तर पर फेरबदल करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
जिसमें कई सिफारिशें हैं। इस समिति ने शिक्षा नीति में बदलाव करने के लिए UGC को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
स्नाकर पाठ्यक्रम का चौथा साल रिसर्च पर केंद्रित होगा। उसमें रिसर्च के बारे में छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
विशेषज्ञ समिति ने कई सिफारशें की है। प्रत्येक सिफारशों पर UGC गमभारता से विचार कर रहा है।