
पांच ऐसे IAS अधिकारी जिन्होंने नौकरी छोड़ शुरू किया अपना व्यवसाय, बनें आंत्रप्रेन्योर
क्या है खबर?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की सबसे प्रतिष्ठित और मांगी जाने वाली सिविल सेवा है।
एक IAS अधिकारी का पद अत्यधिक प्रतिष्ठित होता है और IAS अधिकारी बनना काफी लोगों के लिए एक सपना होता है।
हालांकि, कुछ IAS अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने कुछ अलग करने और उद्यमी (Entrepreneur) बनने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया और अपना व्यवसाय शुरू किया।
आज के लेख में हम आंत्रप्रेन्योर बनें ऐसे ही पांच IAS अधिकारी की कहानी बताने वाले हैं।
#1
1982 बैच के प्रवीश शर्मा बने आंत्रप्रेन्योर
1982 बैच के IAS अधिकारी प्रवीश शर्मा ने सब्ज़ीवाला नाम का एक स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए IAS अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने पांच साल तक लघु किसान कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम (SFAC) के प्रबंध निदेशक के रूप में काम करने के बाद IAS छोड़ दिया था।
सब्ज़ीवाला एक फल और सब्जियां (F&V) श्रृंखला है, जो स्रोतों और किसानों से उपभोक्ताओं तक सीधे ताज़ा गुणवत्ता का उत्पादन करता है। जिससे सभी को उचित मूल्य मिलता है।
जानकारी
सैयद सबाहत अजीम प्रादन करते हैं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा
डॉक्टर और 2000 बैच के IAS अधिकारी सैयद सबाहत अजीम ने 2010 में ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम स्थापित करने के लिए IAS अधिकारी की नौकरी छोड़ दी। यह एक स्टार्ट-अप है, जिसका उद्देश्य कम-लागत निर्धारित करके ग्रामीण आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है।
#3
विवेक कुलकर्णी ने भी दिया IAS पद से इस्तीफा
1979-बैच के आईएएस अधिकारी विवेक कुलकर्णी ने 2005 में ब्रिकवर्क इंडिया की स्थापना की
इस सूची में अगला नाम विवेक कुलकर्णी का है। विवेक कुलकर्णी 1979 बैच के IAS अधिकारी विवेक थे, जिन्होंने 2004 में 25 साल तक सरकार में काम करने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
उस समय वह कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और जैव प्रौद्योगिकी सचिव थे।
2005 में उन्होंने अपनी पत्नी संगीता कुलकर्णी के साथ ब्रिकवर्क इंडिया की सह-स्थापना की थी।
जानकारी
संजय गुप्ता ने 17 साल की नौकरी के बाद छोड़ IAS पद
संजय गुप्ता 1985-बैच के IAS अधिकारी थे। इन्होंने 2002 में Neesa Group शुरू करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दी दिया। वह IIT रुड़की के एक सिविल इंजीनियर भी हैं। नीसा समूह आतिथ्य, शिक्षा, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी में संलग्न है।
#5
रोमन सैनी ने भी शुरू किया अपना स्टार्ट-अप
रोमन सैनी ने IAS अधिकारी बनने के लिए 2013 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा को पास किया था।
हालांकि उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली ऑनलाइन शिक्षा सेवाएं प्रदान करने और Unacademy की सह-स्थापना करने के लिए 2016 में IAS के पद से इस्तीफा दे दिया।
आज Unacademy देश की सबसे तेजी से बढ़ते शिक्षा के स्टार्ट-अप्स में से एक है और सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म में से एक है। जो अपनी फ्री UPSC परीक्षा कोचिंग के लिए जाना जाता है।