UGC द्वारा नियुक्त पैनल ने रोल नंबर पर एन्क्रिप्टेड बारकोड का दिया सुझाव
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा नियुक्त पैनल ने परीक्षा में छात्रों की मदद करने के लिए रोल नंबरों पर एन्क्रिप्टेड बारकोड की शुरूआत करने का सुझाव दिया है। देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में परीक्षा प्रणाली के बारे में सुझाव देने के लिए नौ-सदस्यीय पैनल स्थापित है। जिसका यह विचार भी है कि स्नातक, स्नातकोत्तर, MPhil और PhD पाठ्यक्रमों के लिए एक मॉडल बनाना चाहिए, जो आंतरिक मूल्यांकन और बाहरी परीक्षणों को और भी योग्य बनाए। आइए जानें पूरी खबर।
29 जनवरी को सौंपी रिपोर्ट
राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एमएम सालुंके की अध्यक्षता वाली समिति यह भी सोचती है कि प्रश्न पत्र बनाने की प्रक्रिया में काफी सुधार की आवश्यकता है। UGC के एक सदस्य ने कहा कि UGC को 29 जनवरी, 2019 को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। परिषद काफी हद तक सुझावों से सहमत है। प्रख्यात शिक्षाविदों के पैनल ने इस बात पर जोर दिया कि अब एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो छात्रों की सीखने की क्षमता पर अधिक ध्यान दे।
परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिए पैनल ने दिया यह सुझाव
निरंतर आंतरिक मूल्यांकन और बाहरी मूल्यांकन को संतुलित करने के लिए स्नातक से PhD तक के पाठ्यक्रमों के लिए मॉडल पर काम करने को लेकर उदाहरण देते हुए पैनल ने कहा कि संस्थान आंतरिक परीक्षा को 30% और बाहरी परीक्षा को 70% मूल्यांकन दे सकते हैं। असाधारण संस्थानों के लिए यह अनुपात 60:40 भी हो सकता है। परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिए पैनल ने एन्क्रिप्टेड बारकोड के उपयोग का सुझाव दिया है।
आयोग के एक सदस्य ने कहा
रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना हो सकती है। पैनल ने ऑन-डिमांड परीक्षा सहित कई सिफारिशें की हैं। इसके तहत, एक छात्र चुन सकता है कि वह परीक्षा देने के लिए तैयार है या अभी अध्ययन कर रहा है।
क्या था नकल का प्रमुख स्रोत
पैनल ने ये भी कहा कि देखा जाए तो छात्रों को परीक्षा हॉल के बाहर से मिल रही मदद नकल का एक प्रमुख स्रोत था। यदि उम्मीदवारों को पहले 90 मिनट से पहले परीक्षा केंद्र छोड़ने की अनुमति नहीं हो और यदि उन्हें बाहर प्रश्न पत्र ले जाने की अनुमति नहीं हो, तो इस समस्या को कम या खत्म किया जा सकता है। इसलिए परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले प्रश्न पत्र इंटरनेट से केंद्रों को भेजे जाने चाहिए।