अब UPSC की तरह होगी पंजाब सिविल सेवा परीक्षा, जानें क्या है इसके पीछे का उद्देश्य
अगर आप पंजाब में होने वाली PCS परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, तो आपके लिए ये खबर जानना बहुत जरुरी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा करके पंजाब सीविल सर्विसेज परीक्षा (PCS) के परीक्षा पैटर्न के बारे में बताया है। उऩ्होंने पंजाब की PCS परीक्षा को अब संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरह ही करने की घोषणा की है। आइए जानें क्या-क्या होंगे बदलाव।
ऐसा करने के पीछे है ये उद्देश्य
पंजाब PCS परीक्षा को UPSC की तरह करने के निर्णाय इसलिए लिया गया है, जिससे कि उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिल सकें। पंजाब सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न बदलने का उद्देश्य परीक्षा के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को चार से छह मौके, अन्य पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को नौ मौके और अनुसूचित वर्ग को असीमित मौके देने है। इससे उम्मीदवारों को पंजाब सिविल सेवा में सफलता हासिल करने में काफी मदद मिलेगी।
इतनी होगी आयु सीमा
इसके साथ ही आपको बता दें कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 37, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 40 साल और अनुसूचित जाति (SC) के लिए आयु सीमा 42 साल होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विधानसभा में इसकी घोषणा की गई है। विधायक लखवीर सिंह लाखा के किए गए एक सवाल किया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से सरकार बदलावों पर काम कर रही है।
नियम लागू होने से पहले नहीं थी कोई सीमा
संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा नियुक्ति मौजूदा पंजाब सिविल सेवा नियम 2009 के अनुसार पहले सभी वर्ग के उम्मीदवारों के पास पंजाब सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए सिर्फ चार मौके होते थे। परीक्षा देने के प्रयासों को अब बढ़ाने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री के अनुसार पंजाब सिविल सर्विस नियमों को लागू करने से पहले सभी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा के प्रयासों की कोई सीमा नहीं थी।